ठाकरे ने दिया आश्वासन- पाथरी को साईबाबा की जन्मभूमि नहीं कहेगी महाराष्ट्र सरकार
शिरडी में श्रद्धालुओं ने ठाकरे के पाथरी को धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के फैसले पर विरोध जताया था और इसे साईबाबा की जन्मभूमि करार दिया।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पाथरी गांव को साईबाबा की जन्मभूमि बताने से शुरू हुआ विवाद अब खत्म हो गया है। शिवसेना नेता कमलाकर कोठे ने सोमवार को कहा कि ठाकरे ने आश्वासन दिया है कि पाथरी को साईबाबा की जन्मभूमि नहीं कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई नया विवाद नहीं खड़ा होगा, क्योंकि मामला खत्म हो गया है।
ठाकरे ने साईबाबा संस्थान ट्रस्ट को दिया आश्वासन, अब कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा
साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रतिनिधि कोठे ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद कहा कि ठाकरे ने हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया है। शिरडी के लोग उनकी बातों से संतुष्ट हैं। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि अब कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा और हम इस मामले को समाप्त कर रहे हैं।
शिरडी में श्रद्धालुओं ने ठाकरे के फैसले पर जताया था विरोध
इससे पहले साई मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे सहित 40 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को ठाकरे से मिला। उल्लेखनीय है कि रविवार को शिरडी में श्रद्धालुओं ने ठाकरे के पाथरी को धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के फैसले पर विरोध जताया था और इसे साईबाबा की जन्मभूमि करार दिया। विरोध के बाद अनिश्चितकाल तक बंदी की घोषणा कर दी गई। हालांकि, रविवार रात ही बंद को वापस ले लिया गया।
ठाकरे के बयान के बाद रविवार को शिरडी पूरी तरह बंद रहा
गौरतलब है महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बयान के बाद रविवार को शिरडी पूरी तरह बंद रहा। जबकि साईं बाबा मंदिर खुला रहा और श्रद्धालुओं की भीड़ भी जुटी रही। बंद के कारण सीएम उद्धव ठाकरे घिरते नजर आ रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने सोमवार को एक बैठक बुलाई है जिसमें शिरडी से आया प्रतिनिधियों का एक दल चर्चा करेगा।
पथरी में विकास कार्यो के लिए ठाकरे ने की थी सौ करोड़ के पैकेज की घोषणा
बता दें कि प्रभानी स्थित पथरी को साई बाबा की जन्मस्थली बताया है। पथरी में विकास कार्यो के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सौ करोड़ के पैकेज की भी घोषणा की थी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 2018 में बाबा की जन्मस्थली पथरी बताया था
इससे पूर्व वर्ष 2018 में भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बाबा की जन्मस्थली पथरी को ही बताया था। 9 जनवरी को सीएम ठाकरे ने औरंगाबाद में सौ करोड़ की विकास निधि का ऐलान किया था। इसके बाद से ही शिरडी में नाराजगी के माहौल के साथ बंद का ऐलान किया गया था।
अगर ठाकरे सरकार अपना निर्णय वापिस नहीं लेती तो विरोधी कोर्ट जाते
विरोधियों का कहना है कि अगर सरकार अपना निर्णय वापिस नहीं लेगी तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उनका कहना है कि साई बाबा ने न कभी अपने जन्म को लेकर चर्चा की और न ही अपने धर्म को लेकर। उनके चरित्र के बारे में भी कहीं कुछ दर्ज नही है।