हैदराबाद, एजेंसी। तेलंगाना हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य के भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को पदयात्रा के पांचवें चरण को शुरु करने की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इस पदयात्रा को अनुमति दी है। हाई कोर्ट ने पदयात्रा में भाग लेने वालों की संख्या को 500 तक सीमित कर दिया है। अदालत ने निर्देश दिया है कि सार्वजनिक बैठक भैंसा शहर से तीन किलोमीटर दूर आयोजित की जाए।
भाजपा नेता ने किया कोर्ट के आदेश का स्वागत
इसके अलावा हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पदयात्रा में शामिल होने वाले नेता जनसभा में भड़काऊ भाषण देने से बचें। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने मार्च के पांचवें चरण की औपचारिक शुरुआत करने के लिए निर्मल जिले के लिए रवाना होंगे। भाजपा नेता अपनी पदयात्रा शुरू करने के लिए निर्मल शहर में एक मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। वह सोमवार को केवल एक किलोमीटर पैदल चलेंगे।
तेलंगाना पुलिस ने भाजपा अध्यक्ष को रोका था
तेलंगाना पुलिस ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को उस समय रोक लिया, जब वह सोमवार से पांचवें चरण की प्रजा संग्राम यात्रा शुरू करने के लिए भैंसा कस्बे को जा रहे थे। जानकारी के अनुसार, निर्मल जिले के भैंसा कस्बे में यात्रा व जनसभा की अनुमति नहीं दिए जाने पर पुलिस ने बंदी संजय व उनके साथ चल रहे अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोककर वापस भेज दिया।
भाजपा ने खटखटाया था हाई कोर्ट का दरवाजा
वहीं, पुलिस द्वारा तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय की प्रजा संग्राम यात्रा की अनुमति से इनकार करने और भाजपा कार्यकर्ताओं को भैंसा जाने की अनुमति नहीं देने के बाद पार्टी ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
पुलिस को चकमा देने की कोशिश की
वहीं, पुलिस कार्रवाई पर भाजपा नेता ने कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि, इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पुलिस को चकमा देकर एक पार्टी कार्यकर्ता के वाहन में बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कोरुतला मंडल के वेंकटपुर के पास रोक लिया। इससे आक्रोशित संजय व उनके समर्थकों ने सड़क पर धरना दिया।
संजय कुमार ने पुलिस पर उठाए सवाल
वहीं, पुलिस ने भाजपा नेता को हिरासत में लिया और उन्हें जगतियाल वापस भेज दिया। भाजपा नेता ने दावा किया कि पुलिस ने शुरू में अनुमति दी थी, लेकिन सभी इंतजाम करने के बाद उसे वापस ले लिया। संजय ने कहा कि पुलिस का कहना है कि भैंसा एक संवेदनशील जगह है। क्या भैंसा कोई प्रतिबंधित क्षेत्र है?"
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील है भैंसा
उल्लेखनीय है कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील भैंसा ने अतीत में कुछ मौकों पर सांप्रदायिक दंगे देखे हैं और पुलिस को आशंका है कि भाजपा नेता की पदयात्रा सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकती है। राज्य भाजपा प्रमुख ने कहा कि वह पुलिस के अनुरोध पर करीमनगर लौट रहे हैं और सोमवार दोपहर तक इंतजार करेंगे। उन्होंने पदयात्रा के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।
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