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कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब भाजपा युवा मोर्चा में भी बदलाव, जानें किसे क्‍या मिली जिम्‍मेदारी

केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब भाजपा युवा मोर्चा में भी बदलाव किया गया है। भाजयुमो में बदलाव को पीएम मोदी की नई टीम के तौर पर देखा जा रहा है क्‍योंकि इन्‍हीं युवाओं पर भाजपा की विचारधारा को आगे ले जाने की जिम्‍मेदारी होगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 10:19 PM (IST)
कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब भाजपा युवा मोर्चा में भी बदलाव, जानें किसे क्‍या मिली जिम्‍मेदारी
मोदी कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब भाजपा युवा मोर्चा में भी बदलाव किया गया है।

नई दिल्ली, एजेंसियां। मोदी कैबिनेट में फेरबदल के बाद अब भाजपा युवा मोर्चा में भी बदलाव किया गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने नई टीम घोषित की है। नई टीम में सात उपाध्यक्ष और तीन महामंत्री बनाए गए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सांसद राजू बिष्ट को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। भाजयुमो में बदलाव को पीएम मोदी की नई टीम के तौर पर देखा जा रहा है क्‍योंकि इन्‍हीं युवाओं पर भाजपा की विचारधारा को आगे ले जाने की जिम्‍मेदारी होगी।

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इसी तरह रोहित चहल और वैभव सिंह को भाजपा युवा मोर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री का पद मिला है। पश्चिम बंगाल के विधायक अनूप कुमार साहा, महाराष्ट्र के मधुकेश्वर देसाई, बिहार के मनीष सिंह, ओडिशा के अर्पिता अपराजिता बड़जेना, महाराष्ट्र के विधायक राम सतपुते, उत्तर प्रदेश के डॉ. अभिनव प्रकाश और उत्तराखंड की नेहा जोशी को भी भाजयुमो में जगह दी गई है। इन्‍हें भाजयुमो का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है।

यही नहीं दिल्ली के तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, केरल के श्याम राज, तेलंगाना के शहजादी सैय्यद, छत्तीसगढ़ के रवि भगत, हरियाणा के गौरव गौतम, असम के अरुण ज्योति हजारिका और मणिपुर के निन्गथोंजम को भी भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में जगह दी गई है। इन्‍हें भाजयुमो का राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है। साईं प्रसाद को कोषाध्यक्ष, विनीत त्यागी को कार्यालय प्रभारी और अमनदीप सिंह को मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दिल्‍ली के ही कपिल परमार को सोशल मीडिया प्रभारी और वरुण झावेरी को पॉलिसी एंड रिसर्च की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। इसे गोयल की पदोन्नति के तौर पर देखा जा रहा है। चूंकि भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है इसलिए गोयल को सरकार के विधायी कार्य एजेंडे को आगे बढ़ाने में विभिन्न राजनीतिक दलों की चुनौतियों से भी निपटना होगा।


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