वैंकेया नायडू से मिले टीडीपी के पांच नेता, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के दल-बदल को दी चुनौती
चार राज्यसभा सदस्यों के पार्टी छोड़ने के बाद शुक्रवार को टीडीपी के पांच नेताओं ने उप राष्ट्रपति व राज्यसभा चेयरमैन वैंकेया नायडू से मुलाकात की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र/एएनआइ। राज्यसभा ने टीडीपी के चार सांसदों को भाजपा में शामिल होने को मंजूरी दे दी है। अब ये सांसद भाजपा के सांसद माने जाएंगे। इन सांसदों ने राज्यसभा में अपनी पार्टी के भाजपा में विलय की घोषणा की थी। टीडीपी ने इसका विरोध किया है और राज्यसभा के सभापति से मिलकर इनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की है। टीडीपी ने यह भी कहा है कि राज्यसभा के सभापति को दलों के विलय को मंजूरी देने का अधिकार नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि टीडीपी और भाजपा के बीच दलबदल कानून की धारा 4 के तहत हुए इस बदलाव को सभापति ने संज्ञान में लिया है। सदन ने इन चारों सदस्यों को भाजपा के सदस्य के रूप में मंजूरी दे दी है। इनके नाम वाई एस चौधरी, सीएम रमेश, टीजी वेंकटेश और जीएम राव।
इनके आने के बाद राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 75 हो गई है। जबकि टीडीपी सदस्यों की संख्या छह से घटकर दो रह गई है। हालांकि, अभी भी राजग का उच्च सदन में बहुमत नहीं है।
इस मामले के विरोध में टीडीपी के पांच सांसदों (तीन लोकसभा और दो राज्यसभा) ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति व उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात और दलबदल कानून के तहत भाजपा में शामिल होने वाले अपनी पार्टी के चारों सांसदों की सदस्यता खत्म करने की मांग की।
इन सांसदों ने कहा, 'चूंकि टीडीपी और भाजपा के बीच कोई संगठनात्मक विलय नहीं हुआ है, इसलिए भाजपा के साथ राज्यसभा में टीडीपी संसदीय दल के विलय का उनका प्रस्ताव शुरू में खारिज कर दिया जाना चाहिए।'
टीडीपी संसदीय दल के नेता जयदेव गल्ला ने कहा कि राज्यसभा के सभापति को दलों के विलय को मंजूरी देने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वो इस मसले पर संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखेंगे। उनके कदम के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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