चंद्रबाबू नायडू के लिए काम कर सकते हैं PK, टीडीपी प्रमुख ने की मेगा कांट्रेक्ट की पेशकश
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) को मेगा कांट्रेक्ट देने की पेशकश की है।
हैदराबाद,एजेंसी। आंध्र प्रदेश की सियासत इस वक्त एक दिलचस्प मोड़ पर है। सूत्रों की माने तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) को मेगा कांट्रेक्ट देने की पेशकश की है। चंद्रबाबू नायडू के करीबी सूत्रों के अनुसार IPAC को कुछ सालों के लिए अनुबंध की पेशकश की है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान ही आंध्र में विधानसभा चुनाव हुआ था। इस दौरान जगन मोहन रेड्डी की अगुआई में वाईएसआर कांग्रेस से चंद्रबाबू की पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस दौरान वाईएसआर कांग्रेस ने प्रशांत किशोर की सेवा ली थी। चुनाव के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने प्रशांत किशोर को बिहारी डकैत तक कह दिया था। प्रशांत किशोर ने नायडू को जवाब देते हुए कहा था कि एक तयशुदा हार सबसे अनुभवी राजनेता को भी विचिलत कर सकती है। इसीलिए मैं उनके निराधार बयानों से हैरान नहीं हूं।
जगन के साथ प्रशांत किशोर 2017 में जुड़े थे। इस दौरान वाईएसआर कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही थी।पार्टी से जुड़ते ही प्रशांत किशोर की टीम ने सबसे पहले राज्य भर में 3,600 किलोमीटर की पदयात्रा का आयोजन कराया। माना जाता है कि इस पदयात्रा ने जगन के पक्ष में हवा को मोड़ दिया। इसने जगन को मतदाताओं के करीब लाया।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों के बीच आधिकारिक समझौता हुआ है या नहीं, लेकिन जानकारी अनुसार नायडू ने IPAC के सामने एक प्रस्ताव रखा है। गौरतलब है कि 2016 में भी नायडू ने किशोर की टीम किया था, लेकिन तब दोनों के बीच बात नहीं बनी थी।इससे पहले 8 जून को प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले थे। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि वे ममता के काम करते दिखाई दे सकते हैं।
कौन हैं प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर, फिलहाल जेडीयू के उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले उनकी पहचान चुनावी रणनीतिकार के तौर पर हैं। उनका पहला प्रमुख राजनीतिक अभियान 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए था, जिसमें नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। साल 2014 में नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने का अभियान की चुनावी रणनीति बनाने में भी प्रशांत किशोर का नाम आता है। इसी चुनाव के बाद उन्हें चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पहचान मिली। उन्होंने भाजपा के अलावा प्रशांत किशोर ने बिहार में जेडीयू और पंजाब में कांग्रेस को भी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
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