राजभवन सख्त, जारी रहेंगे राज्यपाल के दौरे
उधर, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने सलेम में कहा कि लोकतंत्र में कोई कहता है कि इस तरह के दौरे नहीं होने चाहिए तो वह पूरी तरह से गलत है।
चेन्नई [प्रेट्र]। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के जिलावार दौरों के लेकर रजनीति गर्मा गई है। द्रमुक जहां उनके इस कदम को संविधान विरोधी बताकर राज्यपाल भवन के घेराव का एलान कर चुकी है, वहीं गवर्नर हाउस की तरफ से कहा गया कि ऐसा किया गया तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गवर्नर हाउस ने कहा कि संविधान के तहत पुरोहित को निर्बाध काम करने की स्वतंत्रता है। वह अपने अधिकार क्षेत्र में कहीं भी जाकर आम जन व अधिकारियों से मिल सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल इसमें बाधा नहीं डाल सकता है।
राज्यपाल अपने दौरों के बाद सारी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजेंगे और ऐसा करने का उन्हें पूरा अधिकार है। प्रवक्ता का कहना है कि राजभवन या फिर इससे जुड़ने वाली सड़कों पर गतिरोध कायम करना उन्हें महंगा पड़ेगा। आइपीसी की धारा 124 के तहत ऐसा करने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। राज्यपाल को अधिकार है कि जनहित से जुड़े मसलों पर सरकार के अधिकारियों से बात करें और माहवार रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजें।
उधर, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने सलेम में कहा कि लोकतंत्र में कोई कहता है कि इस तरह के दौरे नहीं होने चाहिए तो वह पूरी तरह से गलत है।
ध्यान रहे कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित जिलावार दौरे करके जन समस्याओं पर अधिकारियों से मीटिंग कर रहे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा था कि दौरे बंद नहीं किए गए तो वह गवर्नर हाउस का घेराव करेंगे। उनके बयान के बाद से तमिलनाडु की राजनीति अचानक गर्म हो गई है। हालांकि सरकार का इस पूरे मामले पर रुख खासा नर्म है। वह मानती है कि राज्यपाल के दौरों में कोई खराबी नहीं?