कांग्रेस स्पष्ट करे कि संग्रहालय में सेंगोल को 'वाकिंग स्टिक' के रूप में क्यों चिह्नित किया गया था: अन्नामलाई
तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के. अन्नामलाई ने सेंगोल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा कि सेंगोल को संग्रहालय में वाकिंग स्टिक के रूप में क्यों चिह्नित किया गया था।
चेन्नई, एएनआई। सेंगोल मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तमिलनाडु भाजपा के प्रमुख के. अन्नामलाई ने शुक्रवार को कहा कि संग्रहालय में इसे 'वाकिंग स्टिक' के रूप में क्यों चिह्नित किया गया था। उन्होंने कांग्रेस से माफी की भी मांग की।
तमिलनाडु के लोगों से माफी मांगे कांग्रेस: अन्नामलाई
अन्नामलाई ने बताया, "1947 में वास्तव में जो हुआ था, उसके बारे में आदिनम ने सही भावना से बात की है। कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा कि सेंगोल को संग्रहालय में 'वाकिंग स्टिक' के रूप में क्यों चिह्नित किया गया था।" कांग्रेस से माफी की मांग करते हुए उन्होंने कहा, "उन्हें सनातन धर्म का अपमान करने के लिए तमिलनाडु के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। यह राजनीति को बेवकूफी के स्तर पर ले जा रहा है।"
सेंगोल का सत्ता हस्तांतरण से कोई संबंध नहीं: कांग्रेस
बता दें, कांग्रेस ने दावा किया था कि सेंगोल का सत्ता हस्तांतरण से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि नेहरू ने सेंगोल को स्वीकार तो किया था, लेकिन सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में इसका कोई दस्तावेज और तथ्य नहीं हैं।
सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है सेंगोल
- सेंगोल पांच फीट लंबा चांदी से निर्मित और सोने की परत चढ़ाया हुआ दंड है।
- चोल साम्राज्य में सत्ता का हस्तांतरण इसी के माध्यम से होता था।
- अंग्रेजों से भारत में सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक का प्रतिनिधित्व करने के लिए 14 अगस्त, 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा ऐतिहासिक राजदंड 'सेंगोल' प्राप्त किया गया था।
- सेंगोल 28 मई को मदुरै आदिनम के प्रधान पुजारी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा जाएगा।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 28 मई को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
सेंगोल को लोकसभा में स्थापित करेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाने का निर्णय लिया है। संसद का नया भवन उसी घटना का गवाह बनेगा, जिसमें आदिनम (पुजारी) समारोह को दोहराएंगे और पीएम को सेंगोल प्रदान करेंगे। उसी सेनगोल को प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में स्थापित किया जाएगा, जो मुख्य रूप से अध्यक्ष के आसन के करीब है। सेंगोल को लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर निकाला जाएगा।
मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के संकल्प का प्रतीक है सेंगोल
'सेगोल' की स्थापना, 15 अगस्त 1947 की भावना को अविस्मरणीय बनाती है। यह असीम आशाओं, असीम संभावनाओं और एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के संकल्प का प्रतीक है। सेंगोल शब्द तमिल शब्द 'सेम्मई' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'धार्मिकता'। यह चोल साम्राज्य की एक भारतीय सभ्यतागत प्रथा है, जो सदियों से भारतीय उपमहाद्वीप में अग्रणी राज्यों में से एक था।