खाड़ी के देशों में नौ सेना शक्ति बढ़ाने में जुटा भारत, शनिवार को बहरीन पहुंचेगी सुषमा स्वराज
खाड़ी के क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौ सैनिक शक्ति के मद्देनजर भारत अब बेहद सक्रिय हो गया है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जिस तरह से चीन भारत को चारों तरफ नौ सैनिक अड्डों से घेरने की रणनीति में जुटा है उसके जवाब में भारत भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम में लगा है। खास तौर पर खाड़ी के क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौ सैनिक शक्ति के मद्देनजर भारत अब बेहद सक्रिय हो गया है। कुछ महीने पहले ओमान के साथ यह समझौता किया गया कि उसके दुक्म पोर्ट का इस्तेमाल भारत अपने नौ सैन्य गतिविधियों के लिए कर सकेगा। अब भारत खाड़ी के एक अन्य देश बहरीन के साथ बातचीत कर रहा है कि उसके बंदरगाहों का इस्तेमाल भी रणनीतिक जरुरतों के लिए किया जाए।
शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दो दिवसीय यात्रा पर बहरीन पहुंच रही है जहां द्विपक्षीय सहयोग पर अहम वार्ता होने वाली है। राजग सरकार के कार्यकाल में खाड़ी के देशों के साथ रिश्तों को मजबूत करने की जो कोशिश की गई है उसके तहत ही यह यात्रा होगी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि स्वराज बहरीन की विदेश मंत्री मोहम्मद अल खलीफा के साथ ही वहां के किंग, क्राउन प्रिंस और प्राइम मिनिस्टर से भी अलग अलग मुलाकात करेंगी जो बताता है कि बहरीन भारत को कितनी तवज्जो देता है। वैसे स्वराज और विदेश मंत्री खलीफा के बीच बेहद आत्मीय संबंध भी पिछले चार वर्षो में विकसित हुए हैं। इस वजह से वर्ष 2017 में वहां फांसी की सजा प्राप्त 17 भारतीयों की क्षमा याचना प्रस्ताव स्वीकार किया गया था। इस दौरान दोनो देशों के बीच मानव तस्करी रोके जाने पर एक समझौता भी होने के आसार है।
भारत लगातार इस बाद की कोशिश में है खाड़ी के सभी देशों के साथ मानव तस्करी रोकने को लेकर समझौता किया जाए ताकि अगर किसी भारतीय को गलत तरीके से इन देशों में पहुंचाया जाता है या उन्हें बंदी बनाया जाता है तो भारत लाने में मदद हो सके। साथ ही उन गिरोहों पर लगाम लगाया जा सके जो भारत से लोगों को बहला फुसला कर खाड़ी के देशों में ले जाते हैं।
सनद रहे कि बहरीन में तकरीबन चार लाख भारतीय रहते हैं जो वहां की स्थानीय आबादी का एक चौथाई है। इन लोगों की वहां काफी इज्जत है। वहां के किंग हमद यह सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वह स्थानीय नागरिकों व भारतीयों में कोई भेदभाव नहीं करता।
दुनिया में जिस हिसाब से कूटनीतिक माहौल बदल रहा है उसे देखते बहरीन का महत्व बढ़ गया है। बहरीन को भारत इसलिए भी ज्यादा महत्व दे रहा है कि उसके समुद्री इलाके से दुनिया का 30 फीसद कच्चे तेल की आवाजाही होती है। ओमान का दुक्म बंदरगाह वहां से बहुत दूर नहीं है जो आने वाले दिनों में भारतीय नौ सेना के लिए महत्वपूर्ण होगा।
खाड़ी के कई देशों में अनिश्चितता को देखने के बाद बहरीन भी लगातार यह संकेत दे रहा है कि वह भारत के साथ अपनी सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करना चाहता है। दोनो देशों के बीच वर्ष 2015 से ही डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के स्तर पर बातचीत हो रही है। बहरीन के नए तेल ब्लाक खालिद अल बहरीन बेसिन में बड़े पैमाने पर निवेश को इच्छुक है। भारतीय की पेट्रो रसायन कंपनियां वहां निवेश करने को इच्छुक है और इस बारे में दोनो देशों के बीच बातचीत भी हुई है।