सुषमा को पसंद थी रायसेन की कचौड़ी, जब भी दौरे पर आतीं थीं नाश्ते में कचौड़ी लेतीं थीं
भाजपा या सरकार के किसी भी आयोजन में सुषमा स्वराज के नाश्ते में कचौड़ी को रखना प्राथमिकता होती थी। उनके कार्यकाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय तक कचौड़ी प्रसिद्ध हो गई थी।
रायसेन, राज्य ब्यूरो। वर्ष 2009 के संसदीय चुनाव में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस चुनाव मैदान में नहीं थी। तीन लाख से भी अधिक मतों से सुषमा स्वराज को जीत मिली थी। जीत के बाद सुषमा स्वराज का क्षेत्र में आना-जाना बढ़ा।
एक बार वे रायसेन आईं थीं, इस दौरान उनकी अगवानी में लगे नेता व कार्यकर्ता उनके नाश्ते में फल और ड्राईफ्रूट को प्राथमिकता दे रहे थे। तभी खुद स्वराज ने बातों ही बातों में पूछा कि आपके यहां प्रसिद्ध क्या है? जैसे ही उन्हें जवाब मिला-'कचौड़ी' तो वे मुस्कुराते हुए बोलीं- अरे वाह. मेरी पसंदीदा चीज ही आपके यहां प्रसिद्ध है। एक काम कीजिये, गर्म कचौड़ी ही बुलवाइए। बस, फिर क्या था-कुछ ही देर में गरमा गरम कचौड़ी टेबल पर लग गई। इन्हें स्वादिष्ट बताकर यहां आने पर नाश्ते में इसे जरूर रखने की बात भी उन्होंने बातों-बातों में कह दी।
भोपाल तक प्रसिद्ध हो गई थी कचौड़ी
सुषमा स्वराज का 2009 के विदिशा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से पहले कभी सीधे तौर पर मप्र से वास्ता नहीं पड़ा था, लेकिन पहले चुनाव में जीत के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और फिर 2014 के चुनाव में जीत के बाद विदेश मंत्री के रूप में उनका कई बार भोपाल आना हुआ।
इस दौरान पार्टी और प्रदेश भाजपा या सरकार के किसी भी आयोजन में उनके नाश्ते में कचौड़ी को रखना प्राथमिकता होती थी। उनके दस साल के कार्यकाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय तक कचौड़ी प्रसिद्ध हो गई थी।
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