सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध हुआ तेज, निकला नामजप मार्च
सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केरल सरकार के उसे लागू करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर तेज हो गया है।
तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केरल सरकार के उसे लागू करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर तेज हो गया है। शनिवार को राज्य के कोट्टायम और मलप्पुरम जिलों में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने 'नामजप' मार्च निकाला। मार्च में शामिल श्रद्धालुओं में ज्यादातर महिलाएं थीं। इसी से जुड़े एक अन्य घटनाक्रम में भाजपा युवा मोर्चा के मार्च में मामूली हिंसा भी हुई।
पुलिस ने किया तितर-बितर
युवा मोर्चा के कार्यकर्ता जब पथनमथिता जिले में अरानुमला स्थित त्रावनकोर देवासवम बोर्ड (टीडीबी) के प्रेसीडेंट ए. पद्मकुमार के घर की ओर मार्च कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया। युवा मोर्चा के मुताबिक, इस दौरान उसके प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश बाबू समेत 10 लोग घायल हो गए। वहीं, कुछ श्रद्धालुओं ने तिरुवनंतपुरम स्थित टीडीबी मुख्यालय के समक्ष धरना भी दिया।
मान्यताओं को बरकरार रखने की अपील
इस बीच, कोट्टायम जिले में भारी बारिश के बावजूद जमा हुए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सबरीमाला के मुख्य पुजारी के. राजीवारू ने कहा कि भगवान अयप्पा मंदिर की परंपराओं, विधि-विधान और मान्यताओं को बरकरार रखने के लिए सभी को एकजुट रहना चाहिए।
सरकार और विपक्षी कांग्रेस अपने रुख पर कायम
केरल सरकार और विपक्षी कांग्रेस अपने अपने रुख पर कायम हैं। प्रदेश के देवासवम मंत्री के. सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार इस मसले पर किसी से भी वार्ता को तैयार हैं। सरकार इस मामले में आपसी सहमति से आगे बढ़ना चाहती है।
माकपा के प्रदेश सचिव के. बालकृष्णन ने कहा कि सभी से बातचीत करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया जाना चाहिए। केरल कांग्रेस अध्यक्ष एम. रामचंद्रन ने इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य सरकार का समर्थन करने को तैयार है अगर वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करे।