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अयोध्या मामले पर जल्द सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट का नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद जगी

यह शायद पहला मौका होगा जब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ किसी मामले की सुनवाई सप्ताह के पाचों दिन कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 08:26 PM (IST)
अयोध्या मामले पर जल्द सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट का नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद जगी
अयोध्या मामले पर जल्द सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट का नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद जगी

माला दीक्षित, नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले की जल्द सुनवाई पूरी होकर नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद जगी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वह मामले पर रोजाना सुनवाई करेगा जैसा कि उसने पहले आदेश दिया था।

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मुस्लिम पक्ष की ओर से सप्ताह में पांचों दिन सुनवाई का विरोध करते हुए कोर्ट से स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया था। यह शायद पहला मौका होगा जबकि संविधान पीठ किसी मामले की सुनवाई सप्ताह के पाचों दिन कर रही है। सामान्य तौर पर संविधान पीठ नियमित सुनवाई के लिए तय सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही सुनवाई करती है।

अयोध्या मामले पर अब मंगलवार को अगली सुनवाई होगी। सोमवार को बकरीद की छुट्टी के कारण कोर्ट बंद रहेगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है। पीठ के अन्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर हैं।

कोर्ट की तरफ से स्थिति साफ होने से स्पष्ट हो गया है कि अयोध्या पर सुनवाई सोमवार से शुक्रवार तक पांचों दिन होगी। अगर ऐसा होता है तो मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत होने (17 नवंबर) तक कोर्ट के पास सुनवाई के लिए कुल 57 दिन होंगे। ऐसे में उम्मीद है कि तबतक सुनवाई पूरी होकर फैसला आ जाएगा।

शुक्रवार को जैसे ही चौथे दिन की सुनवाई के लिए कोर्ट बैठा, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कोर्ट से सप्ताह में पांचों कार्यदिवस पर सुनवाई होने को लेकर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह सुनवाई चली तो वह इस मामले में बहस नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें दिन भर सुनवाई के बाद अगले दिन की तैयारी करनी होगी, रिसर्च करना होगा। फैसला पढ़ना होगा। धवन ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि पीठ के न्यायाधीशों में जस्टिस चंद्रचूड़ को छोड़ कर किसी ने रिसर्च नहीं किया होगा हाईकोर्ट का पूरा फैसला नहीं पढ़ा होगा।

धवन की दलील पर हिंदू पक्ष रामलला के वकील के. परासरन ने कहा कि कोई पक्ष कोर्ट से यह नहीं कह सकता कि उसे कैसे सुनवाई करनी चाहिए। यह न्याय का मंदिर है। वह यहां प्रतिदिन आते हैं यह सरस्वती की पूजा है।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले की रोजना सुनवाई होगी जैसा कि पहले आदेश दिया गया था, जब आपका नंबर आए और आपको बीच में विश्राम लेने की जरूरत लगे तो आप बता दीजियेगा। मालूम हो कि कोर्ट ने इस मामले को छह अगस्त से नियमित सुनवाई पर लगाने का आदेश देते वक्त ही कहा था कि मामले पर रोजाना सुनवाई की जाएगी और जबतक सभी पक्षों की बहस पूरी नहीं हो जाती सुनवाई जारी रहेगी।

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