सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जगन्नाथ मंदिर में जूते पहनकर और हथियार लेकर नहीं जाएं पुलिसकर्मी
कतार लगाकर दर्शन की व्यवस्था प्रयोग के तौर पर शुरू की गई थी। इसकी समीक्षा की जाएगी, क्योंकि स्थानीय लोग और सेवादार इसका विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने तीन अक्टूबर को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि किसी भी पुलिसकर्मी को हथियार लेकर और जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कतार लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था लागू करने के दौरान हिंसा पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही।
तीन अक्टूबर को मंदिर में हुई हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
बुधवार को ओडिशा सरकार ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ को बताया कि हिंसा के सिलसिले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वहां स्थिति नियंत्रण में है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जगन्नाथ मंदिर परिसर में कोई हिंसा नहीं हुई थी। हिंसा के दौरान मंदिर प्रशासन के कार्यालय पर हमला कर उसमें तोड़फोड़ की गई थी, जो कि मुख्य मंदिर से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
ओडिशा सरकार ने बताया-47 लोग गिरफ्तार, स्थिति नियंत्रण में
हालांकि, मामले में हस्तक्षेप की मांग करने वाले संगठन की ओर से पेश वकील ने दावा किया कि हिंसा के दौरान पुलिसकर्मी हथियारों के साथ जूते पहनकर मंदिर में घुसे थे। पुलिस ने कहा था कि तीन अक्टूबर को एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ने पंक्तिबद्ध दर्शन की व्यवस्था के विरोध में 12 घंटे का बंद रखा था। इस दौरान मंदिर में हुई हिंसा में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
मंदिर के एक अधिकारी का कहना है कि कतार लगाकर दर्शन की व्यवस्था प्रयोग के तौर पर शुरू की गई थी। इसकी समीक्षा की जाएगी, क्योंकि स्थानीय लोग और सेवादार इसका विरोध कर रहे हैं।