Karnataka: 'अयोग्य' विधायकों ने उपचुनाव रोकने की मांग की, EC ने कहा- यह ठीक नहीं...
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में अयोग्य करार दिए गए 17 विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। अयोग्य विधायकों ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से राज्य की 15 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में उम्मीदवार के तौर पर भाग लेने की इजाजत दिए जाने संबंधी निर्देश की मांग की है। अयोग्य विधायकों की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि राज्य में होने वाले उप चुनाव निलंबित कर दिए जाएं। हालांकि निर्वाचन आयोग ने इसका विरोध किया।
आयोग ने कहा कि अयोग्यता विवाद मामले के चलते राज्य में होने वाले चुनाव पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। यही नहीं निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विधायकों को अयोग्य घोषित कर सकते हैं लेकिन उन्हें उप चुनाव लड़ने से वंचित नहीं कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष, राज्य कांग्रेस के नेता दिनेश गुंडू राव, सिद्धारमैया एवं जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवगौडा को नोटिस जारी करके मामले पर जवाब मांगा है।
अयोग्य विधायकों ने याचिका में कहा है कि उन्हें 21 अक्टूबर को होने जा रहे उप चुनाव में बतौर उम्मीदवार भाग लेने की इजाजत दी जानी चाहिए। रोहतगी ने शीर्ष अदालत से अंतरिम आदेश जारी करने का आग्रह किया ताकि उप चुनावों के मद्देनजर याचिकाओं की प्रासंगिकता बनी रहे। यही नहीं याचिका में विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के फैसले पर स्टे लगाए जाने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगी।
बता दें कि कर्नाटक के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले 17 बागियों को अयोग्य घोषित कर दिया था। उस वक्त रिपोर्टों में यह भी कहा गया था कि अयोग्य विधायक राज्य में होने वाले उप चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इन उपचुनावों को कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार के अस्तित्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बहुमत के आंकड़ों के लिहाज से देखें तो सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा को कम से कम छह विधानसभा सीटें जीतने की दरकार है।