'चौकीदार चोर है' बयान देकर फंसे राहुल गांधी, मांगनी पड़ सकती है माफी; फिर भी SC का अवमानना नोटिस
राहुल गांधी चौकीदार चोर है वाले बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं। बयान पर सुप्रीम कोर्ट राहुल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें दोबारा नोटिस भेजा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'चौकीदार चोर है' बयान पर खेद जताने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अवमानना नोटिस जारी कर दिया। हालांकि कोर्ट ने राहुल गांधी को अगली सुनवाई 30 अप्रैल को कोर्ट में निजी पेशी से छूट दे दी है। अब राहुल को फिर से बताना होगा कि उन्होंने कोर्ट के हवाले से ऐसा बयान क्यों दिया।
संभव है कि खेद जताने की बजाय अब उन्हें माफी मांगनी पड़े। उसी दिन कोर्ट राफेल मामले में लंबित पुनर्विचार याचिकाओं के साथ ही अवमानना मामले पर भी सुनवाई करेगा।भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी की ओर से दाखिल अवमानना मामले में राहुल ने 22 अप्रैल को हलफनामा दाखिल कर अपने बयान पर खेद जताया था।
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि उन्होंने कोर्ट के हवाले से जो कुछ कहा था वह चुनाव प्रचार के दौरान आवेश में आकर कहा था। कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा था। उनकी मंशा कोर्ट की अवमानना या उसकी गरिमा कम करने की नहीं थी।
यह माफी नहीं, सिर्फ दिखावा
मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ के सामने सुनवाई के दौरान लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने हलफनामा दाखिल कर दिया है। वह राहुल के जवाब का प्रत्युत्तर दाखिल करेंगे। इस पर कोर्ट ने रोहतगी से कहा कि बताइए राहुल ने जवाब में क्या कहा है। रोहतगी ने कहा कि राहुल ने बयान पर खेद जताया है। उन्होंने माना है कि उन्होंने कोर्ट का आदेश पढ़े बगैर चुनाव प्रचार के आवेश में ऐसा कह दिया था। रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने बयान पर ठीक से माफी नहीं मांगी है बल्कि कोष्ठक में 'खेद है' शब्द कहा है। ऐसे माफी नहीं मांगी जाती है, यह सिर्फ दिखावा है।
अपने ही वकील की दलील में फंसे राहुल
रोहतगी के बाद राहुल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि भाजपा मामले का राजनीतीकरण कर रही है। कोर्ट ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था और उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया है। कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी नहीं किया था। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, आप चाहते हैं कि नोटिस जारी हो। ठीक है हम नोटिस जारी करते हैं। सिंघवी ने कहा, नहीं हम ऐसा नहीं कह रहे। कोर्ट के नाम पर उनका जो बयान था वैसा कोर्ट ने नहीं कहा था और उसके लिए उन्हें खेद है। कोर्ट ने सिंघवी की दलीलें जारी रहते हुए ही नोटिस का आदेश लिखाना शुरू कर दिया। हालांकि थोड़ी राहत देते हुए राहुल को अगली सुनवाई 30 अप्रैल को निजी पेशी से छूट दे दी।
'चौकीदार चोर है' स्लोगन पर कायम
सिंघवी ने कहा कि 'चौकीदार चोर है' उनका राजनीतिक स्लोगन है और वह उस पर कायम हैं। यह बात उन्होंने हलफनामे में भी कही है। हम लगातार इस राजनीतिक नारे का इस्तेमाल करते रहे हैं, कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
मुकुल रोहतगी का आग्रह नहीं माना
रोहतगी ने इस मामले को पुनर्विचार याचिकाओं के साथ नहीं लगाए जाने का आग्रह किया, लेकिन कोर्ट ने नहीं माना। राफेल मामले में भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अन्य ने सौदे की जांच कराए जाने की मांग खारिज करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।
राहुल ने विश्वसनीयता खोई, लोग मोदी के साथ : भाजपा
सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी होने के बाद भाजपा के मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पूरी तरह अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। लोग अब उन पर विश्वास नहीं करते क्योंकि वह ईमानदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ झूठे और आधारहीन आरोप लगाते हैं। बलूनी ने कहा, लोग देख रहे हैं कि किस तरह राहुल गांधी साफ झूठ बोल रहे हैं। लोग प्रधानमंत्री के साथ हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पर भरोसा नहीं करते।