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राजेश्वर सिंह की बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपों में कोई दम नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है और यह सुनवाई के लायक नहीं है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 08:49 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 08:49 PM (IST)
राजेश्वर सिंह की बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपों में कोई दम नहीं
राजेश्वर सिंह की बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपों में कोई दम नहीं

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह के खिलाफ उपेंद्र राय की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है और यह सुनवाई के लायक नहीं है।

राजेश्वर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि एयरसेल-मैक्सिस डील घोटाले की जांच में रोड़ा अटकाने के उद्देश्य से उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोपों में उपेंद्र राय जेल में हैं।

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उपेंद्र राय की ओर से राजेश्वर सिंह पर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए अपने खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग की जांच से हटाने की मांग की थी। उनका कहना कहना था कि राजेश्वर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच होनी चाहिए। इसका विरोध करते हुए के एयरसेल-मैक्सिस डील में भ्रष्टाचार के शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राजेश्वर सिंह ईमानदारी से एयरसेल-मैक्सिस केस की जांच कर रहे हैं और जांच में फंस रहे लोगों के इशारे पर ये याचिका दाखिल की गई है।

राजेश्र्वर की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। 2जी घोटाले की जांच के समय से ही राजेश्वर सिंह पर दबाव बनाने के लिए समय-समय पर ये आरोप लगाए जाते रहे हैं। ईडी, सीबीआइ और सीवीसी इन आरोपों की जांच कर चुके हैं, जिनमें ये झूठे साबित हुए हैं। केंद्र की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सीबीआई की तरफ से पेश एएसजी अमन लेखी और वित्त मंत्रालय की तरफ से पेश एएसजी विक्त्रम बनर्जी ने भी कहा कि उपेंद्र राय के आरोपों में दम नहीं है।

सुनवाई के बाद जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की बेंच ने याचिकाकर्ता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट का करीब आधे घंटे का समय बर्बाद किया गया और याचिका सुनवाई लायक नहीं बताते हुए उसे खारिज कर दिया। 


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