मध्यप्रदेश चुनावों में पारदर्शिता का मामला: कांग्रेस की याचिका पर SC अगले हफ्ते करेगा सुनवाई
कांग्रेस ने याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वो यह सुनिश्चित करे कि वीवीपैट और ईवीएम पर पड़े वोटों को आपस में मेल खाएं।
नई दिल्ली, जेएनएन। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो रही है। आगामी विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता की मांग को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले हफ्ते सुनवाई का फैसला किया है।
कांग्रेस ने याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वो यह सुनिश्चित करे कि वीवीपैट और ईवीएम पर पड़े वोटों को आपस में मेल खाएं। ऐसा ना हो कि वीवीपैट पर वोटों की संख्या ईवीएम पर पड़े वोटों से कम या ज्यादा हो। हालांकि कांग्रेस और अन्य पार्टियां ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही हैं। लेकिन चुनाव आयोग कई बार स्पष्ट कर चुका है कि ईवीएम में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।
'जावली' से तय होगी भाजपा की चुनावी रणनीति
इधर वर्ष 2003 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाने वाला भाजपा का वार रूम 'जावली' ही इस विधानसभा चुनाव में भी सारी रणनीति तय करेगा। मध्य प्रदेश भाजपा ने 'जावली' का श्रीगणेश 10 नवंबर 2017 को ही कर दिया है, जो प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के नेतृत्व में काम कर रहा है। इसका संचालन भाजपा के प्रदेश मुख्यालय से ही हो रहा है।