कोलीजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ की प्रोन्नति पर फिलहाल टाला फैसला
उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के प्रोन्नति के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम की मीटिंग हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। न्यायपालिका और सरकार के बीच तनातनी और प्रतिष्ठा का सवाल बनी जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नति पर पुनर्विचार का मामला फिलहाल टल गया है। सुप्रीम कोर्ट कोलीजियम ने बुधवार को जस्टिस जोसेफ व तीन अन्य उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने का मामला फिलहाल टाल दिया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इन मुद्दों पर विचार के लिए कोलीजियम की बैठक हुई और करीब एक घंटे तक विचार विमर्श भी चला।
सूत्रों की मानी जाए तो बीच में थोड़ी देर के लिए ब्रेक भी हुआ और तीन जस्टिस कुछ देर के लिए अलग से बैठे भी। फिर से बैठक शुरू हुई लेकिन अंत तक कोई सहमति नहीं बनी। सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर जारी सूचना के मुताबिक कोलीजियम उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नति पर पुनर्विचार के लिए बैठी थी। जस्टिस जोसेफ मूलत: केरल हाईकोर्ट से हैं। कानून मंत्रालय ने जस्टिस जोसेफ की प्रोन्नति की सिफारिश अस्वीकार करते हुए फाइल पुनर्विचार के लिए कोलीजियम को वापस भेज दी थी।
बुधवार को कोलीजियम की बैठक में कानून मंत्रालय से इस बावत 26 और 30 अप्रैल को मिले पत्रों पर विचार होना था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के मुताबिक कलकत्ता, राजस्थान और तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने के मसले पर भी विचार होना था। लेकिन इस सभी मुद्दों पर कोलीजियम ने फिलहाल फैसला टाल दिया है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस जे. चेलमेश्वर. जस्टिस रंजन गोगोई. जस्टिस मदन भी लोकुर व जस्टिस कुरियन जोसेफ की पांच सदस्यीय कोलीजियम की सुप्रीम कोर्ट में करीब सवा चार बजे बैठक शुरू हुई और तय एजेंडे पर विचार विमर्श हुआ। फैसला आगे के लिए टाल दिया गया। यानि इन मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए कोलीजियम फिर बैठेगी हालांकि अभी इसकी कोई तिथि तय नहीं है।
मालूम हो कि कोलिजियम मे मुख्य न्यायाधीश के अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं। बुधवार को दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस चेलमेश्वर कोर्ट में केस सुनने के लिए नहीं बैठे थे लेकिन वह शाम चार बजे कोलीजियम की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोर्ट पहुंचे थे। कोलीजियम जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की दो बार सरकार से सिफारिश कर चुकी है। गत जनवरी में भी कोलीजियम ने सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदू मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत करने की सिफारिश की थी।
जब तीन महीने तक सरकार ने कोलीजियम की सिफारिश पर गौर नहीं किया तो जस्टिस कुरियन जोसेफ ने गत 9 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर सरकार के कोलीजियम की सिफारिश दबाकर बैठ जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सरकार के इस रवैये पर सात न्यायाधीशों की पीठ में सुनवाई किये जाने की बात कही थी। जस्टिस जोसेफ के पत्र के बाद सरकार ने जस्टिस जोसेफ की फाइल पुनर्विचार के लिए मुख्य न्यायाधीश को वापस करते हुए कहा था कि केरल हाईकोर्ट का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। जबकि कई ऐसे हाईकोर्ट हैं जिनका सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व नहीं है। सरकार ने इंदू मल्होत्रा की सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्ति कर दिया था।