मोदी-ट्रंप के बीच रणनीतिक वार्ता के आधार को मजबूती देने के लिए सुलिवन ने की जयशंकर से बातचीत
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अमेरिका ने अभी तक कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की है जो भारत को नागवार गुजरा हो। इस मामले में भी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की वार्ता हुई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कारोबार के मुद्दे पर भले ही भारत और अमेरिका के बीच अभी तनातनी चल रही हो, लेकिन रणनीतिक मुद्दों पर साझेदारी संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले महीने जब पीएम नरेंद्र मोदी वाशिंगटन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तब रणनीतिक साझेदारी ही एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा।
इस दौरे की तैयारियों के संदर्भ में नई दिल्ली पहुंचे अमेरिका के उप विदेश सचिव जॉन सुलिवन के साथ आये दल की विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अहम बातचीत हुई है। इस मुलाकात और इसमें होने वाली बातचीत के बारे में विस्तार से दोनों देशों की तरफ से कोई खास जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी है कि रणनीतिक रिश्ते को और गहरा बनाने पर बातचीत हुई है।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी की दिशा तय करने के लिए टू पल्स टू वार्ता का एजेंडा तैयार हुआ है। इसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री हिस्सा होते हैं। तय हुआ था कि इसकी बैठक हर वर्ष होगी, लेकिन पिछले तीन वर्षो में इसकी सिर्फ एक बैठक हुई है। दूसरी बैठक इस साल अमेरिका में होने की सहमति बनी है।
सुलिवन के साथ जयशंकर के साथ हुई मुलाकात में द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी बातचीत हुई है। माना जा रहा है कि दक्षिण एशिया की मौजूदा स्थिति और कश्मीर का मुद्दा भी इस बातचीत में उठा है। धारा 370 हटाने के बाद अमेरिका ने अभी तक कोई ऐसी टिप्पणी नहीं की है जो भारत को नागवार गुजरा हो।