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छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद की पढ़ाई हुई महंगी, भूपेश सरकार ने फीस की दोगुनी

सामान्य अनारक्षित व अन्य पिछड़ा वर्ग की फीस 15 हजार कर दी गई है अब तक छह हजार थी। एससी-एसटी वर्ग को पांच हजार फीस देना होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 10:44 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद की पढ़ाई हुई महंगी, भूपेश सरकार ने फीस की दोगुनी
छत्तीसगढ़ में आयुर्वेद की पढ़ाई हुई महंगी, भूपेश सरकार ने फीस की दोगुनी

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीगसढ़ में आयुर्वेद की पढ़ाई महंगी हो गई है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में हुई रायपुर और बिलासपुर आयुर्वेदिक कॉलेज के स्वशासी कार्यकारिणी समिति की बैठक में फीस दोगुनी करने का निर्णय लिया गया है।

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सामान्य की फीस 6 हजार से 15 हजार, एससी-एसटी की पांच हजार

सामान्य, अनारक्षित व अन्य पिछड़ा वर्ग की फीस 15 हजार कर दी गई है, अब तक छह हजार थी। एससी-एसटी वर्ग को पांच हजार फीस देना होगा। स्नातकोत्तर में फीस 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया गया है। एससी-एसटी छात्रों को 15 हजार रुपये फीस देना होगा। इंटर्नशिप के लिए निजी कॉलेज के छात्रों से 25 हजार रुपये लिया जाएगा।

संविदा प्रोफेसरों का वेतन 80 हजार से बढ़कर एक लाख रुपये हुआ

संविदा प्रोफेसरों का वेतन बढ़ाते हुए 80 हजार से अब एक लाख रुपये कर दिया गया है। रीडर को 52 से बढ़ाकर 80 हजार रुपये, व्याख्याता को 40 हजार की जगह अब 60 हजार रुपये दिया जाएगा। इसमें दोनों महाविद्यालय के करीब 13 शिक्षकों को लाभ मिलेगा। यह आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा।

मातृभाषा में पढ़ाई करने वाले छात्रों का डाटा जुटा रहा शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ी और ओडिया भाषा में पढ़ाई करने वाले छात्रों का डाटा एकत्र करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। डाटा मिलने के बाद छात्रों के लिए विभाग शिक्षकों की व्यवस्था करेगा। प्रदेश के बस्तर और सरगुजा में अलग-अलग भाषा में पढ़ाई कराने की तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में विभाग की ओर से यह पहल की गई है।

घोटाले के आरोपों में घिरे आइएएस अफसर पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

समाज कल्याण विभाग में एनजीओ के जरिये घोटाला करने के मामले में आइएएस अफसरों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। अफसरों के वकील ने शीर्ष अदालत से दरख्वास्त की है कि इसे अंर्जेंट बेस पर सुना जाए। इधर, पूर्व आइएएस बीएल अग्रवाल ने सोमवार को बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोर्ट में फैसले को रिव्यू करने के लिए आवेदन किया है। चीफ जस्टिस ने आवेदन को एडमिट कर लिया है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ को एफआइआर दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए हैं।


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