वाजपेयी की चिंताजनक हालत पर परिजन समेत रो रहा देश, हर ओर दुआओं के लिए उठे हाथ
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत चिंताजनक बनी हुई है। परिजनों समेत पूरा देश उनकी कुशलता की कामना कर रहा है।
ग्वालियर (एएनआइ)। एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नाजुक हालत को देखते हुए उनके परिजनों समेत सभी देशवासियों के आंखों में आंसू हैं। हर ओर उनकी कुशलता के लिए कामना की जा रही है।वाजपेयी के जन्मस्थान मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित दरगाह में उनकी कुशलता की मन्नत लेकर युवा कांग्रेस नेता शाकिर खान ने मजार पर चादर चढ़ा दुआ मांगी।
इससे पहले ग्वालियर गवर्नमेंट आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी गुरुवार को पूजा-हवन आदि का आयोजन किया और पूर्व प्रधानमंत्री की कुशलता की कामना की। इसके अलावा पंजाब के लुधियाना में सक्तेश्वर महादेव आश्रम में भी पूर्व प्रधानमंत्री के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया गया।
ग्वालियर से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का गहरा नाता है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ही 25 दिसंबर 1924 को वाजपेयी का जन्म हुआ और इस शहर में उनका लंबा समय गुजरा है। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज जिसे अब महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है में उनकी पढ़ाई हुई। पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के बटेश्वर से मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में बतौर टीचर की नौकरी लगने के बाद यहीं आ गए थे।
वाजपेयी के बिगड़े स्वास्थ्य से दुखी उनकी भतीजी कांति मिश्रा ने भावुक स्वर में कहा, ‘मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रही हूं कि केवल एक बार मैं उन्हें दोबारा भाषण देते हुए देख सकूं। हमारा परिवार अपने दिमाग से कभी भी उनकी छवि को नहीं मिटा सकता। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद करती हूं।’ उनकी भांजी करुणा शुक्ला ने भी वाजपेयी के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि उनके साथ जीने का मजा ही कुछ और था।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा, 'राज्य की 3.25 करोड़ जनता पूर्व प्रधानमंत्री के लिए प्रार्थना कर रही है। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।' लखनऊ के एनडी कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल में भी छात्र-छात्राओं के हाथ पूर्व प्रधानमंत्री के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ मांग रहे हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक वाजपेयी का हाल जानने के लिए आज दिल्ली आ रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘दो सालों तक मैं उनके कैबिनेट का सदस्य था, उनकी अस्वस्थता के बारे में जानकर परेशान हूं। वह महान नेता हैं और उनके मार्गदर्शन में काम करने का अनुभव काफी अच्छा था। आज मैं दिल्ली जा रहा हूं।' नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम सभी को उनकी सेहत के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे ऐसे नेता थे जो देश को ताकतवर बनाने की चाहत रखते थे। वे न केवल अपने देश में बल्कि पूरी दुनिया में शांति चाहते थे।' परिजनों के अलावा राजनीतिक क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाने वाले वाजपेयी के लिए यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी स्वयं पर काबू न रख पाए और फफक पड़े।
अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह पीड़ित 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था। इसके अलावा डिमेंशिया से भी अटल बिहारी वाजपेयी पीड़ित हैं।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत 15 अगस्त की शाम अचानक से बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। बता दें कि पिछले 36 घंटे में उनकी हालत में गिरावट देखी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री की तबीयत नाजुक होने की खबर के बाद से यहां शीर्ष नेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया।
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री थे। उनका स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही धीरे-धीरे वह सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए और कई साल से अपने आवास तक सीमित हैं।