जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या के मददगारों पर गिरेगी गाज, घुसपैठियों को जारी आधार और राशन कार्ड भी होंगे निरस्त
जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या घुसपैठियों को आधार और राशन कार्ड बनाने में मदद करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर के कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या घुसपैठियों को आधार और राशन कार्ड बनाने में मदद करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत साजिश में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं साजिश में शामिल सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है। कार्रवाई के तहत रोहिंग्या घुसपैठियों को जारी सभी आधार कार्ड और राशन कार्ड को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
बड़ी संख्या में आधार कार्ड बरामद
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार जम्मू में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में आधार कार्ड और राशन कार्ड बरामद किए गए हैं। राशन कार्ड राज्य प्रशासन की ओर जारी किया गया है, वहीं आधार कार्ड केंद्र सरकार की ओर से यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथारिटी ऑफ इंडिया (यूएडीएआइ) की ओर जारी किए गए हैं। किसी व्यक्ति को राशन कार्ड जारी करने के पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच जरूरी होती है।
साजिश के तहत उपलब्ध कराए गए राशन कार्ड
आधार कार्ड जारी करते समय पहचान सत्यापित करने के लिए कुछ दस्तावेज दिखाने पड़ते हैं। आशंका है कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों ने एक साजिश के तहत इन रोहिंग्या घुसपैठियों को आधार कार्ड और राशन कार्ड जारी करने में मदद की, ताकि उन्हें धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नागरिक के रूप में दिखाया जा सके।
शुरू की जाएगी कार्रवाई
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्य में रोहिंग्या घुसपैठियों को आधार और राशन कार्ड जारी किया जाना सुरक्षा की दृष्टि से काफी गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। केंद्रशासित राज्य जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को इस साजिश में शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कह दिया गया है और अगले कुछ दिनों में कार्रवाई शुरू भी हो जाएगी।
पहली जनवरी को ही पूरे परिवार का जन्मदिन
दैनिक जागरण के पास जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुहम्मद अयूब और उसके परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड की प्रतिलिपि मौजूद है। इसमें मुहम्मद अयूब की जन्म तारीख एक जनवरी, 1970 और उसकी पत्नी की एक जनवरी, 1980 दर्ज है। इसी तरह से उसके बेटे अताउल्ला का जन्मदिन एक जनवरी, 1992 और बेटी मुबीना का जन्मदिन एक जनवरी, 2006 दर्ज किया गया है।
पूछताछ में भंडाफोड़
आधार कार्ड बनाने में धांधली का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि परिवार के सभी सदस्यों का जन्मदिन एक जनवरी को ही दिखाया गया। इन सभी को जम्मू का निवासी बताया गया है और उनका स्थानीय पता भी लिखा है। मुहम्मद अयूब ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह 1999 में म्यांमार से जम्मू आया था।