सामाजिक क्षेत्र की विशेष फेलोशिप में भी हुई बढ़ोत्तरी, मंत्रालय की मंजूरी के बाद यूजीसी ने किया बदलाव
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यह बढ़ोत्तरी की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जा रही विशेष फेलोशिप राशि को भी अब बढ़ा दिया गया है। जो विवि और दूसरे शोध संस्थानों में मिलने वाली राशि के बराबर हो गई है। जहां जूनियर रिसर्च फेलोशिप को हर महीने 31 हजार और सीनियर रिसर्च फेलोशिप को 35 हजार रुपए मिलेंगे। इसके साथ ही शोधार्थियों को दिए जाने वाले भत्तों को भी बढ़ाया गया है, जो केंद्र सरकार के नियमों के तहत शहर के हिसाब से आठ, सोलह और 24 फीसद की दर से मिलेगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यह बढ़ोत्तरी की है। फेलोशिप में यह बढ़ोत्तरी एक जनवरी 2019 से प्रभावी होगी।
अल्पसंख्यक मंत्रालय करता है वित्तीय मदद
हालांकि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में यह बढ़ोत्तरी 30 जनवरी 2019 को ही छात्रों के लंबे आंदोलन के बाद कर दी गई थी। खासबात बात यह है कि इसमें एससी और ओबीसी वर्ग से जुड़ी फेलोशिप को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय वित्तीय मदद प्रदान करता है, जबकि अल्पसंख्यक वर्ग के लिए चलाई जा रही मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय वित्तीय मदद देता है।
गौरतलब है कि एससी वर्ग से जुड़ी राष्ट्रीय फेलोशिप के तहत हर साल दो हजार एससी छात्रों को यह फेलोशिप दी जाती है, जबकि ओबीसी वर्ग के जुड़ी राष्ट्रीय फेलोशिप के तहत हर साल तीन सौ ओबीसी छात्रों को और मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप के तहत हर साल एक हजार अल्पसंख्यक वर्ग को फेलोशिप दी जाती है। सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी इस विशेष फेलोशिप में इससे पहले बढ़ोत्तरी 2014 में की गई थी। यह फेलोशिप यूजीसी की देखरेख में ही होती है।