सीबीआइ में बड़े मामलों की जांच से जुड़े अफसरों के कार्यकाल बढ़े
जिन अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ा है उनमें कई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की टीम के सदस्य माने जाते हैं।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। सीबीआइ में शीर्ष स्तर पर बने टकराव के माहौल के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग ने प्रमुख मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाने को हरी झंडी दे दी है। जिन अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ा है उनमें कई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की टीम के सदस्य माने जाते हैं।
जिन अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाया गया है उनमें त्रिपुरा कैडर के चर्चित आइपीएस अधिकारी डीआइजी अनीश प्रसाद भी हैं। उन्हें मई में सीबीआइ से उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया था। लेकिन उन्हें फिर से वापस बुला लिया गया है। उन्हें तीन जून, 2018 से पांच मई, 2020 तक सीबीआइ में कार्य करने का आदेश दिया गया है। उन्हें सीबीआइ मुख्यालय में डिप्टी डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) के पद पर नियुक्त किया गया है।
कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच से जुड़े आइपीएस अधिकारी प्रेम कुमार गौतम का भी सीबीआइ में कार्यकाल बढ़ाया गया है। सीबीआइ में ज्वाइंट डायरेक्टर- मनीष किशोर सिन्हा, एवाइवी कृष्णा और साईं मनोहर अरमाने का भी कार्यकाल बढ़ाया गया है।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अध्यक्षता वाले पैनल ने इन अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाए जाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी। इस पैनल में सीबीआइ डायरेक्टर आलोक वर्मा भी शामिल हैं। लेकिन शीर्ष जांच एजेंसी की ओर से यह भी साफ कर दिया गया कि डायरेक्टर वर्मा पैनल की बैठक में अगर किन्हीं कारणों से शामिल नहीं हो पाते हैं तो स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना उस बैठक के लिए अधिकृत नहीं किए गए हैं।
जिन अधिकारियों के कार्यकाल बढ़े हैं, उनमें ज्यादातर उन बड़े मामलों की जांच से जुड़े हैं जिनमें राजनीति, उद्योग और कारोबार से जुड़े बड़े नाम आरोपित हैं। ऐसे ज्यादातर मामलों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट नजर रख रहा है और उनकी समीक्षा कर रहा है। शीर्ष अदालत ने एजेंसी को साफ निर्देश दे रखा है कि जांच से जुड़ा कोई अधिकारी बिना उसकी जानकारी के पृथक न किया जाए।