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पीएम पद के लिए माया के नाम पर अखिलेश बने 'मायावी', जानिए- कितने दिन चलेगा गठबंधन

SP BSP alliance सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रधानमंत्री पद के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को समर्थन देने पर मायावी ही दिखे। सीधा जवाब देने से कन्नी काटते हुए कहा-आप जानते हैं कि मैं किसका समर्थन करूंगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 10:04 AM (IST)
पीएम पद के लिए माया के नाम पर अखिलेश बने 'मायावी', जानिए- कितने दिन चलेगा गठबंधन
पीएम पद के लिए माया के नाम पर अखिलेश बने 'मायावी', जानिए- कितने दिन चलेगा गठबंधन

लखनऊ/नई दिल्ली(एजेंसी)। SP BSP alliance लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा विरोधी सपा-बसपा गठबंधन का शनिवार को औपचारिक एलान हो गया। इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखते हुए दोनों पार्टियों ने 38-38 सीटें बांटकर दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं। साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की दो सीटों-अमेठी और रायबरेली- पर गठबंधन का उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। लेकिन रालोद के बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।

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हालांकि इन कवायदों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रधानमंत्री पद के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को समर्थन देने पर 'मायावी' ही दिखे। सीधा जवाब देने से कन्नी काटते हुए कहा-'आप जानते हैं कि मैं किसका समर्थन करूंगा।'

क्या हैं आगे की उम्मीदें

गठबंधन का एलान लखनऊ के एक आलीशान होटल में दोनों दलों के प्रमुखों ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में किया। इस मौके पर बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा-'यह प्रेस कांफ्रेंस गुरु-चेला की नींद उड़ा देगा।' मायावती ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जिस तरह से उनके गठबंधन ने लोकसभा उपचुनावों (फूलपुर, गोरखपुर और कैराना) में भाजपा को हराया, उसी तरह आम चुनाव में भी भगवा पार्टी को हराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उप्र में यदि ईवीएम का दुरुपयोग नहीं हुआ और राम मंदिर के मुद्दे को भड़काया नहीं गया तो बसपा-सपा गठबंधन भाजपा को रोकने में कामयाब होगा।

कांग्रेस रहित ऐसा गठबंधन क्यों

-कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखने पर मायावती ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस से गठबंधन का बसपा को कोई फायदा नहीं हुआ।

-बसपा के वोट कांग्रेस को मिल गए लेकिन कांग्रेस के वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुए।

-जबकि बसपा--सपा गठबंधन में वोटों का सटीक ट्रांसफर हुआ।

-कांग्रेस ने आपातकाल लगाया था जबकि भाजपा अघोषित आपातकाल के लिए जिम्मेदार है।

रालोद पर तस्वीर साफ नहीं

पश्चिमी उप्र में अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ सीटों के बंटवारे पर फिलहाल तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पाई है। पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि समय आने पर मीडिया को इसके बारे में बता दिया जाएगा।

कितने दिन चलेगा गठबंधन

इस सवाल पर कि क्या यह 'स्वाभाविक गठबंधन' है, मायावती ने कहा- 'यह लोकसभा चुनाव और उप्र विधानसभा चुनाव के बाद भी चलेगा।' साथ ही यह भी कहा कि राष्ट्रहित में उन्होंने 1995 का गेस्ट हाउस कांड (जब सपा समर्थकों ने मायावती पर हमला किया था) को पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती को समर्थन देने के प्रश्न पर अखिलेश ने मायावी जवाब देते हुए कहा- 'आप जानते हैं कि मैं किसका समर्थन करूंगा। मैंने पहले भी कहा है कि उप्र ने हमेशा प्रधानमंत्री दिया है और यदि फिर से उप्र से प्रधानमंत्री बनता है तो मुझे खुशी होगी।' यद्दपि दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं।


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