सोनिया का मोदी सरकार पर हमला, वाट्सएप जासूसी कांड को बताया शर्मनाक और गैरकानूनी
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार पत्रकारों और राजनीतिक व्यक्तियों की असंवैधानिक तरीके से जासूसी करवा रही है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आर्थिक मंदी, बेरोजगारी के खिलाफ पार्टी के आंदोलन को गति देने के लिए वाट्सएप जासूसी कांड के मुद्दे को भी उठा दिया है। सोनिया ने मोदी सरकार पर पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिज्ञों की जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए इसे गैरकानूनी और शर्मनाक करार दिया।
इसके साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं को अर्थव्यवस्था की मंदी से लेकर तमाम जन विरोधी मुद्दों पर मोदी सरकार की घेरेबंदी में पूरी ताकत से मैदान में उतरने को कहा है। कांग्रेस ने आर्थिक मुद्दों पर राज्यों में अपने आंदोलन के बाद दिसंबर के पहले हफ्ते में राजधानी दिल्ली में एक बड़ी रैली करने का भी ऐलान किया है।
राजनीतिज्ञों की जासूसी गैरकानूनी बल्कि असंवैधानिक
आर्थिक मुद्दों पर सरकार की घेरेबंदी के लिए 5 से 15 नवंबर तक होने वाले पार्टी के देशव्यापी आंदोलन की समीक्षा के लिए कांग्रेस पदाधिकारियों की बुलाई गई बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने वाट्सएप जासूसी कांड की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इजरायली पेगासस साफ्टवेयर खरीद कर जासूसी कराने के मोदी सरकार के कदमों के बारे में हुआ रहस्योद्घाटन चौंकाने वाला है। इसमें साफ है कि पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिज्ञों की जासूसी की गई है जो न केवल गैरकानूनी बल्कि असंवैधानिक भी है। सोनिया ने कहा कि सरकार की ऐसी जनविरोधी गतिविधियों के खिलाफ जनता को जागरूक करने की जिम्मेदारी कांग्रेसजनों की है।
पीएम इवेंट और हेडलाइन के प्रबंधन में व्यस्त
आर्थिक मंदी और आरसेप को लेकर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यह बेहद गंभीर बात है कि सरकार अर्थव्यवस्था की बदहाली को स्वीकार ही नहीं कर रही। आर्थिक मंदी के संकट का समाधान निकालने की बजाय प्रधानमंत्री इवेंट और हेडलाइन के प्रबंधन में कहीं ज्यादा व्यस्त हैं। सरकार के ऐसे घमंडपूर्ण रवैये के चलते जनता विशेषकर नौजवान और किसान बेहद परेशान हैं।
पिछले 45 साल के सबसे खराब दौर में बेरोजगारी
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास दर पिछले छह साल के सबसे कम 5 फीसद के स्तर पर आ गई है। विकास दर नीचे आने से साफ है कि बाजार में मांग कम है और नया निवेश ठप हो गया है। नतीजा यह है कि नये रोजगार पैदा नहीं हो रहे और बेरोजगारी पिछले 45 साल के सबसे खराब दौर में रिकार्ड 8.5 फीसद पहुंच गई है। सोनिया ने कहा कि तमाम अध्ययनों से यह भी साफ हो गया है कि नये रोजगार पैदा करना तो दूर नोटबंदी और जीएसटी के त्रुटिपूर्ण कार्यान्वयन से बीते 6 साल में 90 लाख लोगों की नौकरियां छीन गई हैं।
अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रहार
सोनिया ने किसानों की बदहाली की चर्चा करते हुए कहा कि कृषि विकास दर केवल 2 फीसद है और किसानों को एमएसपी से भी काफी कम पर अपनी फसलें बेचनी पड़ रही है। घरेलू मोर्चे की इन चुनौतियों के साथ भारत का निर्यात भी बेहद कम हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन हालातों को सरकार के आर्थिक कुप्रंबधन और आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ ने कहीं ज्यादा गंभीर बना दिया है। अर्थव्यवस्था का कोई ऐसा अंग नहीं जो मंदी से बचा हो। इस गंभीर स्थिति में आसियान देशों के साथ आरसेप समझौते की सरकार की तैयारी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रहार होगा।
दिल्ली में कांग्रेस करेगी मेगा रैली
कांग्रेस के आला पदाधिकारियों की इस बैठक में 5 से 15 नवंबर के आंदोलन के दौरान सभी जिलों में सहज भाषा में इन मुद्दों को उठाने की सोनिया ने नेताओं को सलाह दी। इसमें यह भी तय हुआ कि जिले के आंदोलन खत्म होने के बाद सभी राज्यों की राजधानी में कांग्रेस इसको लेकर रैली करेगी। जबकि दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली में आर्थिक मंदी, बेकारी, आरसेप और जासूसी कांड से लेकर तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार की घेरेबंदी के लिए कांग्रेस मेगा रैली करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता इस रैली में शिरकत करेंगे।