कांग्रेस मुक्त भारत के खिलाफ प्रतिशोध मुक्त भारत की जंग की सोनिया की ललकार
पीएम मोदी पर कांग्रेस की ओर से अब तक का सबसे तीखा राजनीतिक हमला बोलते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ड्रामेबाज करार दिया है।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। सोनिया गांधी ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक एजेंडे की चुनौती का सीधे मुकाबला करने की ताल ठोकी है। पीएम के इस नारे के जवाब में सोनिया ने कहा है कि कांग्रेस 'प्रतिशोध मुक्त' और 'पक्षपात मुक्त भारत' के लिए संघर्ष करेगी। पीएम मोदी पर कांग्रेस की ओर से अब तक का सबसे तीखा राजनीतिक हमला बोलते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ड्रामेबाज करार दिया है। साथ ही 'सबका साथ, सबका विकास' और न खाउंगा, न खाने दूंगा' के चुनावी वादे को भी सत्ता और कुर्सी हथियाने की चाल करार दिया।
'कांग्रेस मुक्त भारत के खिलाफ प्रतिशोध मुक्त भारत की जंग'
कांग्रेस के 133 साल के इतिहास में पार्टी के 84वें पूर्ण सत्र में देश भर से जुटे कार्यकर्ताओं के बीच सोनिया गांधी ने पीएम और सरकार पर कड़े हमले के साथ 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के सियासी तेवरों की तस्वीर साफ कर दी। मोदी सरकार को सत्ते के नशे में मदमस्त और अहंकारी करार देते हुए उन्होंने कहा कि बीते चार साल में कांग्रेस को तबाह करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी गई है। साम-दाम, दंड-भेद का खुला खेल चल हा है मगर कांग्रेस सत्ता के अहंकार के सामने न कभी झुकी है और न झुकेगी। उनके मुताबिक इस हालात में भी कांग्रेस मोदी सरकार के तानाशाही तौर-तरीके, संविधान की उपेक्षा और संसद के अनादर के साथ उनकी विभाजनकारी विचारधारा के खिलाफ संघर्ष कर रही है। विपक्ष के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने से लेकर मीडिया को सताने जैसे षड्यंत्र का भी उन्होंने आरोप लगाया।
पीएम मोदी पर सोनिया ने किया बेहद तीखा हमला बताया ड्रामेबाज
कांग्रेस के समक्ष मौजूद इन चुनौतियों को बेहद गंभीर करार देते हुए सोनिया ने कहा कि नये अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है मगर सामने का संघर्ष मामूली नहीं है। 'कांग्रेस मुक्त भारत' के पीएम के नारे की ओर संकेत करते हुए सोनिया ने इस चुनौती का डटकर मुकाबला करने का सियासी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी को ऐसा भारत बनाने के लिए संघर्ष करना होगा जो सत्ता के भय से मुक्त हो, सत्ता की मनमानी से मुक्त हो। हर व्यक्ति के जीवन की गरिमा बनी रहे इसके लिए पक्षपात मुक्त, प्रतिशोध मुक्त और हाहाकार मुक्त भारत जरूरी है। सोनिया के इस रुख से साफ है कि अगले चुनाव में पीएम के कांग्रेस मुक्त भारत के नारों का जवाब देने के लिए पार्टी इसी रणनीति का सहारा लेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्साह के बीच सोनिया ने पीएम मोदी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि उनके फर्जी दावों और भ्रष्टाचार का पार्टी सबूतों के साथ खुलासा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि लोग अब समझ गए हैं कि 2014 के 'सबका साथ, सबका विकास' 'न खाउंगा, न खाने दूंगा' जैसे उनके वादे और रेडियो पर मन की बातें सिफ ड्रामेबाजी और वोट के जरिये कुर्सी हथियाने की चाल थी। सोनिया ने सरकार पर मनरेगा, खाद्य सुरक्षा कानून, आरटीआई, और भूमि अधिग्रहण जैसे अहम सुधारों को कमजोर करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस की मौजूदा चुनौतियां ज्यादा गहरी
सोनिया ने माना कि कांग्रेस की मौजूदा चुनौतियां ज्यादा गहरी हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता के सहारे राहुल गांधी पार्टी को एक बार फिर जीत दिलाकर देश का एजेंडा तय कर सकते हैं। 1998 में पार्टी की कमान थामने के वक्त कांग्रेस की इसी तरह की चुनौती का जिक्र करते हुए सोनिया ने गठबंधन की राजनीति के सहारे वापसी का जिक्र किया। प्लेनरी सत्र में इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में सोनिया के योगदान की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने यह प्रस्ताव पेश कर सोनिया के योगदान की चर्चा की। प्लेनरी सत्र में सोनिया के भाषण के समय कार्यकर्ताओं का जोश यह साफ इशारा कर रहा था कि पार्टी की कमान छोड़ने के बाद भी कांग्रेसजनों पर उनका जादू कायम है।