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केंद्रीय सूचना आयोग की स्‍वतंत्रता को नष्‍ट करना चाहती है सरकार : सोनिया गांधी

वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार सूचनाधिकार कानून में संशोधन करके केंद्रीय सूचना आयोग के वजूद और उसकी आजादी को नष्‍ट करना चाहती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 02:12 PM (IST)
केंद्रीय सूचना आयोग की स्‍वतंत्रता को नष्‍ट करना चाहती है सरकार : सोनिया गांधी
केंद्रीय सूचना आयोग की स्‍वतंत्रता को नष्‍ट करना चाहती है सरकार : सोनिया गांधी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सूचनाधिकार कानून में संशोधन करके केंद्रीय सूचना आयोग के वजूद और उसकी स्‍वतंत्रता को नष्‍ट करना चाहती है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा आरटीआइ कानून को रास्‍ते के कांटे के तौर पर देखती है। सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए बहुमत का दुरुपयोग कर सकती है।  

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सोनिया गांधी ने बयान जारी कर कहा कि यह बेहद चिंताजनक बात है कि केंद्र सरकार सूचना का अधिकार कानून-2005 को पूरी तरह से खत्म करने पर आमादा है। इस कानून को व्यापक विचार विमर्श के बाद बनाया गया था। संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया था। बीते वर्षों में हमारे देश के 60 लाख से अधिक नागरिकों ने आरटीआई का इस्‍तेमाल किया है। इस कानून ने प्रशासन में सभी स्तरों पर पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने में मदद की है। 

सोनिया गांधी ने कहा कि इस कानून की वजह से हमारे लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत हुई है। यही नहीं इसके इस्तेमाल से समाज के कमजोर तबकों को फायदा हुआ है। भले ही केंद्र सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए विधायी बहुमत का इस्तेमाल कर ले लेकिन यह कदम देश के हर नागरिक को कमजोर करेगा। 

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन के केंद्र के प्रस्‍तावित कदम का विरोध किया। उन्‍होंने आरोप लगाया कि इससे केंद्रीय एवं राज्य के सूचना आयोगों की स्वतंत्रता खत्‍म हो जाएगी। आरटीआई कानून को लागू कराने की दिशा में सक्रियता से काम करने वाले केजरीवाल ने कहा कि इस कानून में संशोधन एक खराब कदम है। 

दरअसल, लोकसभा ने सोमवार को विपक्ष के कड़े विरोध के बीच सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक सूचना आयुक्तों का वेतन, कार्यकाल और रोजगार की शर्तें एवं स्थितियां तय करने की शक्तियां सरकार को प्रदान करने से संबंधित है। सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक-2019 पेश करते वक्त राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह आरटीआई कानून को अधिक व्यावहारिक बनाएगा।

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता एवं विपक्षी दलों के नेता आरटीआई कानून में संशोधन के कोशिशों की आलोचना कर रहे हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि इस संशोधन से देश में यह पारदर्शिता पैनल कमजोर होगा। संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मसौदा विधेयक केंद्रीय सूचना आयोग की स्वतंत्रता को खतरा पैदा करता है। 


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