स्वतंत्रता दिवस पर सोनिया गांधी का हमला, कहा- संवैधानिक मूल्यों के विपरीत खड़ी है सरकार
सोनिया गांधी ने प्रजातांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को किनारे करने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पढ़ें सोनिया गांधी का पूरा बयान...
नई दिल्ली, जेएनएन। 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश वासियों को शुभकामनाएं देने के साथ ही प्रजातांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को किनारे करने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। सोनिया गांधी ने देशवासियों को दिए अपने संदेश में कहा कि हमने बीते 74 वर्षों की स्वाधीनता में अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरंतर परिपक्व किया है।
सोनिया ने कहा कि आज ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संविधान मूल्यों एवं स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। भारतीय लोकतंत्र के लिए भी ये परीक्षा की घड़ी है। लद्दाख में चीनी घुसपैठ की गंभीरता पर अपनी चिंता का इजहार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज कर्नल संतोष बाबू और हमारे 20 जवानों की गलवन वैली में वीरगति को साठ दिन बीत चुके हैं। उनका स्मरण करते हुए सरकार से आग्रह कर रही हूं कि वह उनकी वीरता को उचित सम्मान दे।
सोनिया गांधी ने कहा भारत मां की सरजमी की रक्षा और चीनी घुसपैठ को विफल करना ही इन वीरों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। आज हर देशवासी को अंतरात्मा में झांक कर यह सोचने की जरूरत है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जबाबदेही मांगने की आजादी है? एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की स्वाधीनता को बनाए रखने के लिए संघर्ष करें।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए जाना जाता है। आज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी की विभीषिका से जूझ रहा है तब भारत को एकजुट होकर इसको परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे। मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकती हूं कि हम सब मिलकर इस महामारी और गंभीर आर्थिक संकट से लड़ें तो इससे बाहर आ जाएंगे।