National Handloom Day: देशभर में 10 शिल्प व हस्तकरघा ग्राम विकसित करेंगे: स्मृति ईरानी
टेक्सटाइल मंत्री बोलीं - दुनियाभर के पर्यटक आएंगे भारतीय बुनकरों की समृद्ध विरासत को पहचानेंगे और मेक इन इंडिया को समर्थन देंगे। छात्र दे रहे बुनकर सेवा केंद्रों में सहारा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने देश में 10 क्राफ्ट व हैंडलूम विलेज यानी शिल्प व हथकरघा ग्राम विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसका मकसद यह है कि दुनियाभर के पर्यटक आकर्षित हो सकें तथा भारतीय बुनकरों की समृद्ध विरासत को जान-पहचानकर 'मेक इन इंडिया' को समर्थन दे सकें। ईरानी ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक समारोह को संबोधित करते हुए कपड़ा मंत्रालय के दृष्टिकोण को साझा किया। दुनियाभर में उपयोग होने वाले हैंडलूम कपड़ों का लगभग 95 प्रतिशत उत्पादन भारत में किया जाता है।
ईरानी ने कहा कि हथकरघा दिवस के अवसर पर प्रस्तुत किए जाने वाले राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार इस बार बुनकरों के अनुरोध पर स्थगित किए जा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बुनकर डिजिटल माध्यम से सम्मान हासिल करने की जगह सम्मान का जश्न मनाने की इच्छा रखते हैं, और कोविड-19 के इस माहौल में सम्मान समारोह आयोजित नहीं किए जा सकते। देशभर में 10 शिल्प व हथकरघा ग्राम विकसित करना हमारा लक्ष्य है, ताकि हमारे हथकरघा उत्पाद केवल कपड़े या घर की साज-सज्जा तक ही सीमित न हों।
ईरानी ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के छात्र डिजाइन, मार्केटिंग और अनुसंधान के मामले में देशभर के 28 बुनकर सेवा केंद्रों में से नौ को उन्नत बनाने में योगदान दे रहे हैं। ये केंद्र दिल्ली, श्रीनगर, जयपुर, मुंबई, अहमदाबाद, वाराणसी, गुवाहाटी, कांचीपुरम और भुवनेश्वर में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हथकरघा की समृद्ध विरासत को मजबूत करने के लिए निफ्ट के छात्रों के माध्यम से सभी बुनकर सेवा केंद्रों को उन्नत बनाया जाना सुनिश्चित करना सरकार का प्रयास है। ईरानी ने कहा कि इस अवसर पर शुरू किया गया 'माय हैंडलूम' पोर्टल राज्य सरकार के उपक्रमों, एजेंसियों और सहकारी समितियों को बुनकरों के लिये केंद्र की योजनाओं के साथ उनकी स्थिति व लाभों के बारे में जानने में मदद करेगा।