स्मृति ईरानी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में नहीं चलने दी दीदी की दादागीरी
स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि दीदी भाजपा के नेताओं को रोक कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गतिरोध उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोलकाता पुलिस आयुक्त से सीबीआइ की पूछताछ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भले ही ममता बनर्जी अपनी नैतिक जीत बता रही है, लेकिन भाजपा की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दीदी की दादागिरी नहीं चलने दी। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की जांच में न सिर्फ बाधा डाली गई, बल्कि जांच में शामिल अधिकारियों के परिजनों को भी परेशान किया गया है।
भाजपा नेता स्मृति इरानी ने पश्चिम बंगाल सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राज्य में गुंडागर्दी और अराजकता का प्रतीक बनी तृणमूल सरकार पर सुप्रीम कोर्ट का कटाक्ष अपने आप में इस बात साबित करता है कि उनका दो दिन से चल रहा बनावटी धरना गरीबों के लुटेरों को संरक्षण देने के अलावा और कुछ नहीं है।
सीबीआइ की तरफ से अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करने पर स्मृति ईरानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार को जवाब दाखिल करने को कहा है कि और पूंछा है कि क्यों सीबीआई के जांच में गतिरोध उत्पन्न किया।
स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि दीदी भाजपा के नेताओं को रोक कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गतिरोध उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दीदी चाहें जितना भी रोकें लेकिन बंगाल की जनता बढ़चढ़कर भाजपा का समर्थन कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि ममता बनर्जी को राजनेता के तौर पर इस बात कि चिंता करनी चाहिए कि कोर्ट ने जांच के लिए शिलांग को चुना है ना कि पश्चिम बंगाल को। उन्होंने कहा कि न्यायालय का आदेश इस बात का संकेत है कि बंगाल ममता के राज में भयमुक्त नहीं है, ममता सरकार के लिए यह उत्सव का विषय नहीं होना चाहिए। ममता बनर्जी के लिए कोर्ट का आदेश राजनैतिक और प्रशासनिक चिंता की विषय होना चाहिए।