बड़ा फैसला: दिल्ली-मुंबई समेत छह शहरों में होगी क्राइम सीन की वीडियोग्राफी
दिल्ली और मुंबई के अलावा हैदराबाद, अहमदाबाद, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में पुलिस की ओर से क्राइम सीन का वीडियो फिल्मांकन अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि दिल्ली और मुंबई समेत छह बड़े शहरों में क्राइम सीन (अपराध स्थल) की बाकायदा वीडियोग्राफी की जाएगी। आपराधिक जांच को डिजिटल बनाने की दिशा में यह एक बड़ा फैसला है।
दिल्ली और मुंबई के अलावा, हैदराबाद, अहमदाबाद, बेंगलुरु और चंडीगढ़ में पुलिस की ओर से क्राइम सीन का वीडियो फिल्मांकन अनिवार्य होगा। दरअसल, सर्वोच्च अदालत ने अप्रैल में केंद्र सरकार से आपराधिक जांच में नियम-कायदों को और सशक्त बनाने के लिए अपराध स्थल की वीडियो फिल्म बनाने की योजना तैयार करने को कहा था।
इस मामले में पहल करते हुए गुजरात पुलिस ने 'मोबाइल पॉकेट कॉप' नामक एक विशेष एप तैयार किया है। यह एप केंद्रीय सर्वर से भी जुड़ा है। यह एप प्रत्येक पुलिस स्टेशन की ओर से दिए जाने वाले मोबाइल फोन पर आसानी से डाउनलोड हो जाता है। फिर इसका इस्तेमाल जांच में किया जा सकता है।
जस्टिस यूयू ललित और डीवाइ चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने चार हफ्ते में गुजरात सरकार के गृह सचिव से जवाब मांगा है। अदालत ने इस एप की भी परख ब्यूरो ऑफ पुलिस रीसर्च एंड डेवलेपमेंट के बनाए एप के आधार पर करने को कहा है।
गुजरात के गृह सचिव को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात ने अपने स्तर पर खासी प्रगति की है, इसलिए हम चाहते हैं कि प्रशासन समग्र और यूजर फ्रेंडली मॉडल को विकसित करे। केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील शिरीन खजूरिया ने बताया कि अदालत के पूर्ववर्ती आदेश के अनुसार केंद्रीय निगरानी निकाय (सीओबी) का गठन करके आंतरिक सुरक्षा के विशेष सचिव ने इस संबंध में हलफनामा दायर किया है।
उन्होंने बताया कि सीओबी ने क्राइम सीन की वीडियोग्राफी के तरीके और अमल की योजना पर विगत 24 मई को चर्चा की थी।