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कर्नाटक कांग्रेस में विद्रोह: कैबिनेट से हटाए गए पूर्व मंत्री ने पार्टी छोड़ने के दिए संकेत

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार में फेरबदल के बाद असंतोष पैदा हो गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 10:30 PM (IST)
कर्नाटक कांग्रेस में विद्रोह: कैबिनेट से हटाए गए पूर्व मंत्री ने पार्टी छोड़ने के दिए संकेत
कर्नाटक कांग्रेस में विद्रोह: कैबिनेट से हटाए गए पूर्व मंत्री ने पार्टी छोड़ने के दिए संकेत

बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार में फेरबदल के बाद असंतोष पैदा हो गया है। मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दिए गए कांग्रेस नेता रमेश जारखिहोली ने विधायक पद से भी इस्तीफा देने का संकेत दिया है। पूर्व मंत्री ने सोमवार को कहा कि वह अगले चार दिनों में अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलिंगा रेड्डी ने बैठक के बाद विरोध जताया उन्होंने शनिवार को हुए विस्तार में उनके नाम पर विचार नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

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राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी ने घटनाक्रम को हल्का करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की भावुक प्रतिक्रिया आम है और वह नाराज नेताओं से बात कर उन्हें मना लेंगे। उनके पिता और जदएस के सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने सरकार पर खतरा होने से इन्कार किया और कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रभावी रूप से मुकाबला किया जाएगा।

छह माह पुरानी कांग्रेस-जदएस संयुक्त सरकार के मंत्रिमंडल का शनिवार को विस्तार किया गया। इसमें राष्ट्रीय पार्टी से आठ सदस्यों को लिया गया। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता असंतुष्ट हैं। ऐसे नेताओं में बीसी पाटिल, बीके संगमेश और भीमा नाइक भी शामिल हैं। इन नेताओं ने अपने गुस्से का इजहार किया है। नए मंत्रियों को विभाग भी आवंटित नहीं किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल की प्रतीक्षा की जा रही है। नगरपालिका प्रशासन मंत्री जारखिहोली पर वन एवं पर्यावरण मंत्री आर. शंकर के साथ मिलकर भाजपा के साथ दोस्ती बढ़ाने का आरोप है। रविवार को एक स्थानीय टीवी चैनल ने उनकी टेलीफोन पर हुई बातचीत प्रसारित की है। इससे उनके भाजपा में जाने का संदेह पक्का हो रहा है।

उधर, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक पर ध्यान देना जरूरी था, क्योंकि पहली कैबिनेट में वहां से काफी कम मंत्री थे। आज उनके साथ हमने न्याय किया है, इस प्रक्रिया में तालमेल बिठाने की वजह से कुछ सीनियर छूटेंगे ही। हर कैबिनेट विस्तार या बदलाव का कुछ ना कुछ प्रभाव जरूर होता है, कुछ दिनों तक कुछ लोगों को भावनाएं उमड़ेंगी। लेकिन सब हल हो जाएगा, यह प्रक्रिया काफी सोच-समझकर की गई।   

इस बीच कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवकुमार ने मामले को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा, ''मैं यह नहीं कहते कि मांग करना गलत है। यहां तक मैं खुद धरम सिंह की सरकार में मंत्री बनना चाहता था लेकिन मैं शांत हो गया क्योंकि मैं परिस्थिति को समझ गया था। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार में भी मैं देर से मंत्री बना, मैं अपने दोस्तों से गुजारिश करता हूं कि वे परेशान न हों।"


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