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सीतारमण ने कहा- कोविड-19 की चाल पर निर्भर करेगी अगले आर्थिक पैकेज की जरूरत

वित्त मंत्री का कहना था कि मुझे पूरी उम्मीद है कि भारतीय कारोबारी जगत इस मुश्किल दौर से गुजरकर मजबूती से बाहर निकलेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 08:42 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 09:32 PM (IST)
सीतारमण ने कहा- कोविड-19 की चाल पर निर्भर करेगी अगले आर्थिक पैकेज की जरूरत
सीतारमण ने कहा- कोविड-19 की चाल पर निर्भर करेगी अगले आर्थिक पैकेज की जरूरत

नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए भविष्य में कोई भी आर्थिक पैकेज इस बात पर निर्भर करेगा कि कोविड-19 की चाल क्या रहती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा चालू वित्त वर्ष में नकारात्मक विकास दर का अंदेशा जताने के बारे में वित्त मंत्री का कहना था कि अभी निश्चित तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इसकी वजह यह है कि अभी किसी को पता नहीं है कि कोरोना संकट पूरी तरह खत्म होने में कितना वक्त लगने वाला है।

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वित्त मंत्री ने कहा- मैं सुधार के दरवाजे बंद नहीं कर रही हूं

बीजेपी के नेता नलिन कोहली से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं सुधार के दरवाजे बंद नहीं कर रही हूं। हम उद्योग जगत से लगातार जानकारी ले रहे हैं और उसे क्रियान्वयन में जुटे हैं। कोरोना संकट के खत्म होने की जो दशा-दिशा होगी, हम उसी के अनुरूप भावी कदम उठाएंगे। चालू वित्त वर्ष के दो ही महीने गुजरे हैं और अभी 10 महीने बाकी हैं।'

इकोनॉमी की सुस्त रफ्तार को थामने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी

कोविड-19 के चलते इकोनॉमी की सुस्त होती रफ्तार को थामने और इसे पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। उसके बाद बुधवार से लेकर रविवार तक लगातार पांच दिनों के दौरान वित्त मंत्री ने 20.97 लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना का ब्योरा दिया, जिसमें उन दिनों तक आरबीआइ द्वारा घोषित आठ लाख करोड़ रुपये की योजनाएं भी शामिल थीं।

आरबीआइ ने कहा- कोविड-19 का असर उम्मीद से कहीं गंभीर है

आरबीआइ ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा था कि कोविड-19 का असर उम्मीद से कहीं गंभीर है। आरबीआइ के मुताबिक मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में विकास दर नकारात्मक दिशा में जाने का अंदेशा है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया था।

विकास दर नकारात्मक दिशा में जाएगी

वित्त मंत्री के मुताबिक पैकेज का निर्धारण यह सोचते हुए किया गया था कि हम असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास यह जानने का इस वक्त कोई ठोस आंकड़ा नहीं है कि विकास दर नकारात्मक दिशा में जाएगी और अगर ऐसा होगा तो वह स्तर कितना होगा। फिर भी, यह मानते हुए कि इकोनॉमी नकारात्मक जोन में जा सकती है, हम उसी हिसाब से आगे भी कदम उठाएंगे।

कारोबारी जगत मुश्किल दौर से गुजरकर मजबूती से बाहर निकलेगा

वित्त मंत्री का कहना था कि सरकार ने कंपनियों, संस्थाओं, उद्योगों और कारोबार के माध्यम से इकोनॉमी को गति देने का रास्ता चुना है। मुझे पूरी उम्मीद है कि भारतीय कारोबारी जगत इस मुश्किल दौर से गुजरकर मजबूती से बाहर निकलेगा।


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