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भारत-यूएस के बीच कारोबारी रिश्तों में आयी खटास को पाटने के लिए श्रृंगला ने कसी कमर

पिछले दो वर्षो के दौरान भारत व अमेरिका के बीच रणनीतिक रिश्तों के प्रगाढ़ होने के बावजूद कारोबारी रिश्तों में कई तरह की दिक्कतें हुई हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 08:43 PM (IST)
भारत-यूएस के बीच कारोबारी रिश्तों में आयी खटास को पाटने के लिए श्रृंगला ने कसी कमर
भारत-यूएस के बीच कारोबारी रिश्तों में आयी खटास को पाटने के लिए श्रृंगला ने कसी कमर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को नए विदेश सचिव के तौर पर अपनी पारी की शुरुआत करने वाले हर्ष व‌र्द्धन श्रृंगला की प्राथमिकताओं में फिलहाल टॉप पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भावी भारत यात्रा को सफल बनाने पर होगा। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक नये व्यापारिक समझौते का ऐलान होने की तैयारी में फिलहाल दोनों देशों के विदेश व वाणिज्य मंत्रालयों के बीच लगातार विमर्श चल रहा है।

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कारोबारी रिश्तों में आयी खटास को पाटने के लिए डील ही एक रास्ता है

श्रृंगला अमेरिका में भारत के राजदूत होने के तौर पर शुरु से इस विमर्श में शामिल रहे हैं। माना जा रहा है कि भारत व अमेरिका के कारोबारी रिश्तों में पिछले कुछ समय से आये तनाव को खत्म करने का रास्ता यह समझौता निकाल सकता है।

श्रृंगला ने विदेश सचिव का कार्यभार संभालने के बाद गिनाई प्राथमिकताएं

हर्ष व‌र्द्धन श्रृंगला ने बुधवार को विजय गोखले की जगह नए विदेश सचिव का कार्यभार संभालने के बाद अपनी जो प्राथमिकताएं गिनाई हैं उनमें विकास व आर्थिक संधियों को मजबूत बनाने का नाम सबसे पहले लिया है। इसके बाद पड़ोसी व अन्य देशों के साथ कनेक्टिविटी, बड़ी शक्तियों के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने, आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को और मजबूत बनाने और दुनिया में कानून सम्मत व्यवस्था को मजबूत करने को अपनी दूसरी प्राथमिकताओं में बताया है।

नए भारत की जरुरत के हिसाब से विदेश नीति को आगे बढ़ाएंगे

अफ्रीकी और लातिनी अमेरिकी देशों के साथ दुनिया के दक्षिणी क्षेत्र में शामिल देशों के साथ सहयोग को दिशा देने को भी उन्होंने अपनी प्राथमिकता के तौर पर पेश किया है। आगे उन्होंने यह भी बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के नेतृत्व में वह नए भारत की जरुरत के हिसाब से तेज-तर्रार व जिम्मेदार विदेश नीति को आगे बढ़ाएंगे।

भारत व अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर वार्ता अगले महीने होगी

भारत व अमेरिका के बीच ट्रेड समझौते को लेकर पिछले छह महीने से भी ज्यादा लंबे समय से बात हो रही है। सितंबर, 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान ही इसकी घोषणा किये जाने की तैयारी थी, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया था। उस समय भी अमेरिकी पक्षकारों के साथ वार्ता में श्रृंगला भारतीय पक्ष की तरफ से प्रमुख वार्ताकार थे। उसके बाद भी दोनों तरफ से होने वाली बातचीत में वह प्रमुख सदस्य रहे हैं। अभी ट्रेड डील को लेकर अंतिम दौर की बातचीत अगले महीने होगी।

ट्रंप के दौरे से पहले यूएस व्यापार प्रतिनिधि रोबर्ट भारत आने वाले हैं

राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे से पहले अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रोबर्ट लाइटाइजर भारत आने वाले हैं। जानकारों के मुताबिक ट्रेड समझौते को अंतिम रूप देने में इसलिए भी ज्यादा समय लग रहा है कि दोनो देश इसे लंबी अवधि के कारोबारी रिश्तों को ध्यान में रखते हुए तैयार कर रहे हैं। सितंबर, 2019 में ट्रंप व मोदी के बीच हुई बातचीत में भी यह सहमति बनी थी कि कारोबारी रिश्तों को लेकर लंबी अवधि की रणनीति होनी चाहिए।

रणनीतिक रिश्ते प्रगाढ़, लेकिन कारोबारी रिश्तों में दिक्कतें

सनद रहे कि पिछले दो वर्षो के दौरान भारत व अमेरिका के बीच रणनीतिक रिश्तों के प्रगाढ़ होने के बावजूद कारोबारी रिश्तों में कई तरह की दिक्कतें हुई हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे के उत्पादों के आयात को रोकने के लिए कई कदम उठाये। राष्ट्रपति ट्रंप कई बार भारत के कारोबारी नीतियों का सार्वजनिक तौर पर आलोचना कर चुके हैं। चीन और भारत के साथ कारोबारी समझौते को वह घरेलू राजनीति में भी भुनाएंगे।


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