शिवराज का कमलनाथ पर पलटवार, बोले- खुद सोचें, कौन लायक है और कौन नालायक
इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज जी आप इतने नालायक तो नहीं कि आपको मालूम ना हो कि 53 लाख किसानों की कर्जमाफी की कार्रवाई कैसे होती है।
भोपाल, जेएनएन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर पलटवार करते हुए कहा, 'यदि कमल नाथ को आरोपों का कीच़़ड ही अच्छा लग रहा है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कौन लायक है और कौन नालायक है, यह तो जनता तय करती है।' शनिवार को भोपाल में मीडिया से बातचीत में चौहान ने कहा कि अब कमल नाथ खुद सोचें कि लायक कौन है और नालायक कौन है। जो सभी को एक भाव से देखे, गरीबों का सम्मान करे, किसान के कल्याण की योजना बनाए, वो लायक है या नालायक, यह निर्णय जनता को करना है।
गौरतलब है कि ग्वालियर दौरे में कमल नाथ ने कहा था, 'शिवराज इतने नालायक नहीं कि उन्हें यह भी न पता हो कि कर्ज कैसे माफ होता है।' इस पर शिवराज ने कहा कि पंद्रह महीने उनकी सरकार थी, उन्होंने क्या किया? यह बड़ी लायकी वाली बात थी कि वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया। यह लायकी है क्या कि पूरे प्रदेश के विकास को ठप कर दिया। शराब माफिया कौन, रेत माफिया कौन, क्या यह बयान आपको याद नहीं हैं। क्या यह भी भूल गए कमल नाथ कि ग्वालियर-चंबल संभाग से एक मंत्री जो आज नदी बचाने का नाटक कर रहे हैं, वो जनता से कह रहे थे कि हमें माफ कर दो, हम रेत का अवैध खनन नहीं रोक पाए।
चौहान ने कहा, 'कमल नाथ जी, कौन-सी लायकी और नालायकी की बात कर रहे हैं आप? मुझे कोई नालायक कहे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो वैसे भी जनता का सेवक हूं। आप तो ये बता दो किसानों से झूठ बोलना, बेरोजगारों से छल करना, बेटियों को ठगना लायकी है।' शिवराज ने पूछा, '15 महीनों में पांच मिनट के लिए भी आप ग्वालियर नहीं गए, क्या यह लायकी है। आज आप कह दो कि मैंने तो किसी और पर छोड़ दिया था, यही आपकी लायकी है, वह भी तब जब चुनाव में उनका उपयोग करना था। शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री जब भारत के संविधान की शपथ लेता है, तब समान भाव की शपथ लेता है, लेकिन अब आप कह रहे हो कि मैंने तो ग्वालियर छोड़ दिया था। कितने भोले हैं कमल नाथ जी आप, क्या जनता इस भोलेपन को मान लेगी।
ग्वालियर में कमल नाथ ने कहा..
'शिवराज जी आप इतने नालायक तो नहीं कि आपको मालूम ना हो कि 53 लाख किसानों की कर्जमाफी की कार्रवाई कैसे होती है। पहले चालू खाते के कर्जें माफ किए गए। जो किसान जीएसटी व आयकर देते हैं, वे इसके पात्र नहीं थे। 7 लाख ऐसे किसान चिन्हित हुए थे, जिनके एक से अधिक खाते थे। मुझे मालूम था कि यही लोग ज्यादा शोर मचाएंगे। मैंने कहा था कि इनके भी कर्ज माफ करने का कोई रास्ता निकालेंगे। जिन किसानों का कर्ज माफ हुआ है, उनके नाम--पते मोबाइल नंबर की सूची के साथ मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से आमने--सामने बात करने को तैयार हूं।'Þ