MP Politics: शिवराज सिंह चौहान शपथ लेते ही एक्शन में आए, आधी रात को बुलाई हाई लेवल मीटिंग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में आ गए हैं। राजभवन से सीधे मंत्रालय पहुंचकर उन्होंने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए आधी रात तक उच्च स्तरीय बैठक की।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान एक्शन मोड में आ गए हैं। राजभवन से सीधे मंत्रालय पहुंचकर उन्होंने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए आधी रात तक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बीच मप्र विस की तीन दिनी बैठक मंगलवार से बुलाई गई है। इसमें पहले ही दिन शिवराज बहुमत साबित करेंगे। उधर विस स्पीकर एनपी प्रजापति ने भी सोमवार रात इस्तीफा दे दिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंगलवार से किसी भी सूरत में लॉक डाउन के दौरान कोई भी घरों से बाहर न निकले, सिवाए उन लोगों को छोड़कर जो अत्यावश्यक सेवाओं के अधीन काम में लगे हैं या जिनको जरूरी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए छूट दी गई है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए कई अन्य निर्देश भी दिए।
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कुर्सी संभालने से पहले पूजा
मुख्यमंत्री शिवराज ने मंत्रालय में कुर्सी संभालने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने अपने काम संभालने की फाइल पर हस्ताक्षर किए और अधिकारियों से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों का फोल्डर मांगा। मुख्यमंत्री के कार्यभार ग्रहण करने के दौरान वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव, डॉ.नरोत्तम मिश्रा, डॉ.सीतासरन शर्मा, विश्वास सारंग सहित अन्य विधायक और अधिकारी मौजूद थे।
विस की बैठक बुलाने का फैसला
उधर, शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा की मंगलवार से तीन दिन के लिए बैठक बुलाने का फैसला किया। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि वे मंगलवार को विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव रखेंगे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वर्ष 2020-21 के लिए लेखानुदान भी प्रस्तुत किया जाएगा।
स्पीकर ने आधी रात को दिया इस्तीफा
इस बीच विस अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने सोमवार आधी रात को इस्तीफा दे दिया। विस के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि स्पीकर ने अपना इस्तीफा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को संबोधित करते हुए दिया है। हालांकि कांवरे भी सोमवार को भोपाल में नहीं थीं।
प्रजापति ने इस्तीफा नैतिकता के आधार पर देना बताया है। ज्ञात हो कि प्रजापति के खिलाफ दो दिन पूर्व भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से राज्यपाल लालजी टंडन को अविश्वास प्रस्ताव दिया था।
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