शिवराज सिंह को इस प्रतिबंधित संगठन से खतरा, मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा
15 साल तक प्रदेश की सत्ता पर राज करने वाली भाजपा की राजनीति लगभग 13 सालों तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द गिर्द ही घूमती नजर आई।
भोपाल, जेएनएन। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जान को खतरा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है। आमतौर पर जेड प्लस सुरक्षा मुख्यमंत्री को मिलती है, लेकिन ऐसा पहली बार होगा, जब पूर्व मुख्यमंत्री को भी जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक, शिवराज को प्रतिबंधित संगठन सिमी से खतरा है। इसीलिए उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी।
साल 2016 में भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी कैदियों का एनकाउंटर हुआ था। तब शिवराज मुख्यमंत्री थे। अब शिवराज पद पर नहीं हैं। ऐसे में सिमी द्वारा बदला लेने की आशंका है। इस साल जुलाई माह में भारत सरकार ने एक आरटीआइ के जवाब में बताया था कि देशभर में सिर्फ 24 लोगों को जेड प्लस सिक्युरिटी दी जाती है। सुरक्षा के लिहाज से इस कैटेगरी में सुरक्षा व्यवस्था के मापदंडों को उजागर नहीं किया जाता है। नियमों के तहत गृह राज्य मंत्री की अध्यक्षता वाली एक समिति वीवीआइपी सुरक्षा कवर का फैसला करती है।
15 साल तक प्रदेश की सत्ता पर राज करने वाली भाजपा की राजनीति लगभग 13 सालों तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इर्द गिर्द ही घूमती नजर आई। मध्यप्रदेश के 17 वें सीएम के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को प्रदेश सत्ता का दामन थामा था। उन्हें पार्टी ने मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को हटाकर प्रदेश की कमान सौंपी थी। जिस वक्त पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को कमान सौंपी उस वक्त किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि वे प्रदेश की सत्ता में इतनी लंबी पारी खेलेंगे।
लगभग 13 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के सफर में कई राजनीतिक उतार चढ़ाव भी नजर आए। हालांकि उनकी जनता से सीधे रुबरू होने की खासियत और किसान पुत्र होने का उन्हें बहुत लाभ मिला। अपने पहले कार्यकाल के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साल 2006 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और साल 2007 में लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की। इन दोनों योजनाओं को प्रदेश की जनता से खूब सराहना मिली, इतना ही नहीं इन योजनाओं की सफलता पर उन्हें अन्य राज्यों में भी शुरु किया गया। इस बीच महिला हितैषी योजनाओं के दम पर शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की महिलाओं के बीच भाई और बेटियों के बीच मामा की छवि गढ़ी।
शिवराज सिंह चौहान पहली बार बुधनी में उपचुनाव के जरिये सदन में पहुंचकर सीएम बने थे। इसके बाद साल 2008 और 2013 में बुधनी विधानसभा से ही चुनाव लड़कर एक बार फिर उन्होंने सत्ता की सीढ़ी चढ़ी थी। साल 2008 में अपनी जन हितैषी योजनाओं के दम पर सत्ता में आए शिवराज सिंह चौहान को साल 2013 में सत्ता में आने के लिए काफी जोड़ तोड़ करना पड़ी थी। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की बढ़ती नाराजगी को उन्होंने खुद किसान का बेटा होने और किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लाने का वादा कर दूर किया था।