मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्रियों से बंगले खाली कराने के मुद्दे पर शिवराज सरकार ने लिया यू-टर्न
भाजपा की सरकार बनवाने वाले 22 विधायकों को इस कार्रवाई से मुक्त रखा गया। कांग्रेस नेताओं ने सरकार की कार्रवाई को अदालत में ले जाने की चुनौती दी थी।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्रियों से बंगले खाली कराने के मुद्दे पर राज्य सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के बंगले पर प्रशासन द्वारा लगाई गई सील शुक्रवार को हटा दी गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भनोत के स्टाफ को संदेश दिया कि वे इस बंगले का यथावत उपयोग कर सकते हैं।
लॉकडाउन के दौरान शासन की कार्रवाई पर उठे सवाल
लॉकडाउन के दौरान शासन की इस कार्रवाई पर सवाल उठने लगे थे। कांग्रेस नेताओं ने मामले को अदालत ले जाने की धमकी दी थी। कमल नाथ सरकार के मंत्रियों से बंगले खाली कराने को लेकर सरकार ने नोटिस देकर दबाव बनाया था। दो दिन पहले भनोत का बंगला तहसीलदार और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सील कर दिया था। इस मामले में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति सहित कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लगाए थे।
पूर्व मंत्रियों को 24 घंटे में आवास खाली करने के नोटिस दिए जा रहे हैं
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा राजनीति में सद्भाव की परंपरा समाा कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से मकान खाली नहीं कराने का कह रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किराए में रह रहे लोगों से आवास खाली नहीं करने को कहा है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व मंत्रियों को 24 घंटे में आवास खाली करने के नोटिस दिए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने सरकार की कार्रवाई को अदालत में ले जाने की चुनौती दी थी
कांग्रेस नेताओं ने यह भी सवाल उठाया था कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान निर्वाचित विधायकों को बंगलों से बेदखल क्यों किया जा रहा है? जबकि सामूहिक इस्तीफा देकर भाजपा की सरकार बनवाने का रास्ता प्रशस्त करने वाले 22 विधायकों को इस कार्रवाई से मुक्त रखा गया। कांग्रेस नेताओं ने सरकार की कार्रवाई को अदालत में ले जाने की चुनौती भी दी थी। इसके बाद शुक्रवार को सरकार ने यू-टर्न लेते हुए बेदखली की कार्रवाई वापस ले ली और भनोत के बंगले की सील भी खोल दी।