Move to Jagran APP

MP Poltics: कमलनाथ के नियुक्तियों को शिवराज ने किया रद, अब कोर्ट जाएंगे कांग्रेस के नेता

मप्र में तत्कालीन कमल नाथ सरकार द्वारा विभिन्न आयोगों में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने के खिलाफ कांग्रेस नेता हाई कोर्ट जा रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 10:20 PM (IST)
MP Poltics: कमलनाथ के नियुक्तियों को शिवराज ने किया रद, अब कोर्ट जाएंगे कांग्रेस के नेता
MP Poltics: कमलनाथ के नियुक्तियों को शिवराज ने किया रद, अब कोर्ट जाएंगे कांग्रेस के नेता

भोपाल, जेएऩएन। मार्च के दूसरे सप्ताह में तत्कालीन कमल नाथ सरकार द्वारा विभिन्न आयोगों में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने के खिलाफ कांग्रेस नेता हाई कोर्ट जा रहे हैं। मध्य प्रदेश महिला आयोग के पदाधिकारी जहां हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाने वाले हैं वहीं मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जबलपुर हाई कोर्ट में गुहार करेंगे। अदालतों में कामकाज बंद होने से कांग्रेस नेता लॉक डाउन समाप्त होने के बाद तुरंत याचिकाएं लगाने की तैयारी में हैं।

loksabha election banner

कांग्रेस की कमल नाथ सरकार ने बागियों के इस्तीफों से गिरने के पहले मार्च में मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग, मप्र युवा आयोग, मप्र अनुसूचित जाति आयोग, मप्र अनुसूचित जनजाति आयोग और मप्र अल्पसंख्यक आयोग में नियुक्तियां की थीं। इन लोगों ने सरकार के आदेशों के कुछ घंटे के भीतर ही कार्यकाल भी संभाल लिया था। महिला आयोग हो या युवा आयोग या पिछड़ा वर्ग आयोग, अधिकांश आयोग के पदाधिकारियों ने तुरत-फुरत शाम ढलने के बाद अपनी ज्वाइनिंग देकर काम संभाल लिया था।

कमल नाथ के इस्तीफे के बाद शिवराज ने नियुक्तियां निरस्त कीं 20 मार्च को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपनी सरकार के अल्पमत में आते ही इस्तीफा दे दिया और शिवराज सिंह चौहान ने लॉक डाउन के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर काम शुरू किया। उन्होंने समस्त आयोगों की नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश कर दिए। कमल नाथ सरकार की नियुक्तियों को भाजपा ने राजभवन में शिकायत कर चुनौती भी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कमल नाथ सरकार के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और वह अल्पमत में आ चुकी है, इसलिए आयोगों में नियुक्तियां अवैध हैं। इसको लेकर राजभवन ने तत्कालीन कमल नाथ सरकार से नियुक्तियों की जानकारी भी जुटाई थी, लेकिन उन पर फैसला नहीं दिया था।

हाई कोर्ट में जाएंगे आयोग के अफसर

मप्र महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि आयोगों के अपने अलग-अलग से नियम होते हैं, जिनके अंतर्गत उनमें अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्तियों को निरस्त किया जाता है। सरकार ने उनकी तथा अन्य सदस्यों की नियुक्तियां तीन साल के लिए की थीं, लेकिन अचानक सरकार ने निरस्त कर दिया है। ओझा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की नियुक्तियों को जिस तरह निरस्त किया गया, उसके खिलाफ वे हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाएंगी।

बिना आधार नियुक्तियां निरस्त नहीं की जा सकती

मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि आयोग की नियुक्तियां निश्चित समयावधि वाली होती हैं। अध्यक्ष या सदस्य स्वयं इस्तीफा देकर पद खाली कर सकते हैं या फिर उन्हें हटाया जाता है तो उसके लिए आधार जरूरी है और हटाते समय सुनवाई के लिए नोटिस भी दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आयोगों के अध्यक्षों व सदस्यों को बिना कारण बताए और नोटिस दिए बिना हटाया है जो असंवैधानिक है। अभी तक उन्हें हटाए जाने का नोटिस या आदेश भी नहीं मिला है। जब भी आदेश मिलेगा, लॉक डाउन समाप्त होते ही अदालत की शरण में जाएंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.