कमलनाथ मंत्रिमंडल में विभाग बंटवारे को लेकर खींचतान, शिवराज सिंह ने ली चुटकी
शिवराज सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट पर तंज कसते हुए कहा कि अलग-अलग गुट अपने कोटे के हिसाब से मंत्री बना रहे हैं।
भोपाल, (नईदुनिया)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ मंत्रिमंडल के गठन और विभाग बंटवारे में मची खींचतान पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कौन मंत्री बने यह मुख्यमंत्री तय करता है, लेकिन यहां तो कांग्रेस के अलग-अलग गुट निर्णय कर रहे हैं। सीएम के विशेषाधिकार पर डाका चिंता का विषय है।
पत्रकारों से चर्चा में चौहान ने कमलनाथ कैबिनेट पर तंज कसते हुए कहा कि अलग-अलग गुट अपने कोटे के हिसाब से मंत्री बना रहे हैं। दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के मंत्रियों के नाम मीडिया में सार्वजनिक हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अपना मंत्रिमंडल तय नहीं कर पा रहे, मैं इस बात से आश्चर्यचकित हूं। मंत्रियों के विभाग सीएम को बांटना है, लेकिन सवालों का जवाब दिग्विजय दे रहे हैं। समझ में नहीं आ रहा सरकार कौन चला रहा है?
हमने दावा नहीं ठोका :
शिवराज बोले- हमारे लिए यह चिंता का विषय है कि ऐसी सरकार कैसे चलेगी? प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता से हमारा भावनात्मक लगाव है, विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसा-वैसा सोचते तो सरकार बनाने का दावा ठोकते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया।
वचन पत्र का पालन हो :
किसानों की ऋण माफी के सवाल पर वह बोले कि 30 नवंबर तक के कर्ज माफ हों और वचन पत्र में जो लिखा है उसका पालन हो। संघ और मीसाबंदियों के मुद्दे पर शिवराज ने कहा कि मीसाबंदियों ने लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी। 19 महीने जेल में रहे कई परिवार तबाह हो गए। संघ और शाखा पर प्रतिबंध पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने भी लगाया, जिन्हें हटाना पड़ा। संघ देशभक्तों का सबसे बड़ा संगठन है। किसी के कहने से शाखा अथवा संघ का काम बंद नहीं होगा।
विभागों के मारामारी शुभ लक्षण नहीं :
विदिशा के छीरखेड़ा गांव स्थित अपने फार्म हाउस पर आए चौहान ने पत्रकारों से चर्चा में भी मंत्रियों के विभागों के बंटवारे के सवाल पर कहा था कि मैं दूसरों के काम में टांग क्यों अड़ाऊं। कांग्रेस नेता अपने मंत्रियों के लिए मनपसंद विभाग क्यों चाह रहे हैं। काम करना है तो किसी भी विभाग में बेहतर काम किया जा सकता है, लेकिन पसंद के विभाग के लिए दबाव बनाना शुभ लक्षण नहीं है।
टाइगर जिंदा है पर दी सफाई :
चौहान ने अपने 'टाइगर जिंदा है' वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम के बाद वे जब लोगों के बीच पहुंचे तो लोगों का कहना था अब क्या होगा। जिस पर मैंने कहा था मैं हूं न। कोई गड़बड़ नहीं होने दूंगा। 'टाइगर जिंदा है' कहने के पीछे मेरा भाव था कि प्रदेश सरकार से मैं सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा रखता हूं। अगर गड़बड़ की तो जबरदस्त विरोध किया जाएगा।