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Maharashtra Politics: शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर मचे संग्राम के बीच उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने दी राहत

शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने इस साल जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था जिससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल थी

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 10:44 PM (IST)
Maharashtra Politics: शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर मचे संग्राम के बीच उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने दी राहत
पूर्व मुख्‍यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे

 नई दिल्ली, एजेंसी। चुनाव आयोग ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े को पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज जमा करने के लिए 15 दिन और दिए हैं। शि‍वसेना पार्टी और चुनाव चिन्‍ह पर कब्‍जे के लिए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग ने अपना दावा ठोंका है।

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पिछले महीने चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्‍यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष और तीर पर अपने दावों के समर्थन में 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था।

सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे गुट के अनुरोध के बाद चुनाव आयोग ने अब उसे 23 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा है। उद्धव ठाकरे गुट द्वारा मामले की सुनवाई 4 सप्ताह के लिए स्थगित करने की याचिका पर एक सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि फिलहाल चुनाव आयोग ने केवल दस्तावेज मांगे हैं और सुनवाई बाद में होगी।

उद्धव ठाकरे गुट द्वारा मामले की सुनवाई 4 सप्ताह के लिए स्थगित करने की याचिका पर एक सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि फिलहाल चुनाव आयोग ने केवल दस्तावेज मांगे हैं और सुनवाई बाद में होगी।

चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को दस्तावेज जमा करने को कहा था, जिसमें शिवसेना के विधायिका और संगठनात्मक विंग के समर्थन पत्र और मामले पर उनके लिखित बयान शामिल हैं।

शिवसेना के 39 विधायकों ने इस साल जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था, जिससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल थी।

शिंदे गुट ने भाजपा से हाथ मिला लिया और बाद में महाराष्ट्र में सरकार बनाई। शिंदे ने 30 जून को भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बाद में शिंदे गुट के 9 विधायकों और भाजपा के 9 विधायकों को मंत्री बनाया गया।


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