शिवसेना ने भाजपा से पिछले चुनावी वादों जवाब देने को तैयार रहने को कहा, ईवीएम पर भी उठाए सवाल
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए कहा कि अब तक वह अपने मन की बात कर रहे थे लेकिन 23 मई को लोगों की मन की बात सामने आएगी।
मुंबई, प्रेट्र। लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में गठबंधन के बावजूद केंद्र और राज्य की सत्ता में साझीदार शिवसेना की भाजपा के प्रति तल्खी बरकरार है। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि भाजपा को कश्मीर घाटी में शांति और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर वर्ष 2014 में किए गए चुनावी वादों पर जनता के सवालों का सामना करने के लिए अब तैयार हो जाना चाहिए। उसने मतदान में ईवीएम के उपयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि लोगों के मन में इसे लेकर शंका है।
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए कहा कि अब तक वह अपने 'मन की बात' कर रहे थे, लेकिन 23 मई को लोगों की 'मन की बात' सामने आएगी। अपने मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने कहा, 'इतिहास गवाह है कि लोगों को बहुत दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। लोगों के पास भी सवाल हैं और वह मतपेटियों के जरिये जवाब मांगते हैं।' उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि कश्मीर घाटी में शांति का माहौल बनाने और राम मंदिर का निर्माण करने संबंधी वादे करके वर्ष 2014 में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई थी। दोनों ही मुद्दे वर्ष 2019 में भी अनसुलझे ही हैं।
शिवसेना ने पूछा, 'ईवीएम पर इतना जोर क्यों? अन्य देशों ने ईवीएम की दोषपूर्ण प्रकृति और धनबल से नियंत्रित किए जा सकने के कारण इनका इस्तेमाल बंद कर दिया है।' गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होंगे। मतगणना 23 मई को होगी।