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शिवसेना बोली, भाजपा नहीं मानी तो एनसीपी के साथ बनाएंगे सरकार, राउत ने अजित पवार से साधा संपर्क

महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी रस्‍साकशी के बीच शिवसेना ने चेतावनी दी है कि यदि भाजपा ने उसकी शर्त नहीं मानी तो वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना लेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 12:04 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 04:15 PM (IST)
शिवसेना बोली, भाजपा नहीं मानी तो एनसीपी के साथ बनाएंगे सरकार, राउत ने अजित पवार से साधा संपर्क
शिवसेना बोली, भाजपा नहीं मानी तो एनसीपी के साथ बनाएंगे सरकार, राउत ने अजित पवार से साधा संपर्क

मुंबई, एजेंसियां। महाराष्‍ट्र में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। एकओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने नव निर्वाचित विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं तो दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्‍य में बारिश और बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने दावा किया है कि उसे 170 से ज्‍यादा विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है। यदि भाजपा ने उसके 50-50 फॉर्मूले को नहीं माना तो वह कांग्रेस और राकांपा के समर्थन से सरकार बनाएगी। 

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इस बीच राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने संवाददाताओं को बताया कि शिवसेना नेता संजय राउत ने उनसे संपर्क साधने की कोशिश की है। हालांकि उन्‍होंने अनभिज्ञता जताई कि संजय राउत ने उनको किस काम के लिए संपर्क करने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा कि मुझे कुछ समय पहले संजय राउत का संदेश मिला उस वक्‍त मैं एक बैठक में था इसलिए कोई जवाब नहीं दे सका। चुनाव के बाद पहली बार है जब उन्होंने मुझसे संपर्क किया है।  मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे यह संदेश क्‍यों भेजा है। मैं थोड़ी देर में उसे फोन करूंगा।

शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) ने रविवार को समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में दावा किया कि उनके पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह आंकड़ा 175 तक पहुंच सकता है। वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि यदि भाजपा उसके 50-50 फॉर्मूले को नहीं मानती है तो वह राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party, NCP) और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी।

शिवसेना यहीं नहीं रुकती उसने सामना के संपादकीय में यह भी दावा किया है कि भाजपा राज्‍य में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। मालूम हो कि शिवसेना राज्‍य की नई सरकार के मंत्रिमंडल में बराबरी का हिस्‍सा मांग रही है। साथ ही ढाई साल के लिए शिवसेना का सीएम हो इसके लिए भाजपा के सामने शर्त रखा है। वहीं भाजपा देवेंद्र फडणवीस को सीएम के तौर पर पांच साल बनाए रखना चाहती है।

दोनों ही पार्टियां अपनी अपनी शर्तों पर अड़ी हुई हैं। यही कारण है कि चुनाव नतीजे आने के नौ दिन बाद भी राज्‍य में नई सरकार नहीं बन सकी है। बीते 24 अक्‍टूबर को आए चुनाव नतीजों में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। शिवसेना ने सामना में कहा है कि वह कांग्रेस, राकांपा और अन्‍य विधायकों के समर्थन से आसानी से सरकार बना लेगी। उसने यह भी दावा किया है कि इन दलों के साथ उसके पास 170 से ज्‍यादा विधायकों का समर्थन हासिल है।

माना जा रहा है कि राज्‍य में सरकार गठन को लेकर जारी रस्‍साकशी के बीच बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की चुप्‍पी से भी भाजपा और शिवसेना नेताओं में तल्‍खी बढ़ रही है। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां बेमौसम बारिश के कारण फसल नष्ट हुई हैं। उद्धव औरंगाबाद पहुंचे और किसानों से मिलकर उसकी समस्‍याओं को जाना। 

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की मानें तो फडणवीस ने अकोला में किसानों से मुलाकात की और बर्बाद हो चुकी फसलों का मुआयना किया। राज्य सरकार ने शनिवार को बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों की आर्थिक मदद के लिए 10,000 करोड़ रुपए मंजूर किए। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, राज्‍य के 325 तहसीलों में फैले 54.22 लाख हेक्टेयर में ज्वार, धान, कपास, मक्का, अरहर और सोयाबीन जैसी फसलों को नुकसान हुआ है। 


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