महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार बोले, सीएए और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव की जरूरत नहीं
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में नंबर एक पार्टी है और उन्हें वहां रहना चाहिए। क्योंकि वे हमारे गठबंधन के साथी हैं।
मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने रविवार को दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून, प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कुछ लोग इसको लेकर अफवाह फैला रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में सीएए और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है।
अजीत पवार यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।' बिहार में पारित एक प्रस्ताव का हवाला देकर लोग इसके बारे में अफवाह फैला रहे हैं, इस मुद्दे पर और जागरूकता फैलाने की जरूरत है। बिहार विधानसभा में पिछले महीने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें कहा गया है राज्य में एनआरसी की कोई जरूरत नहीं है और एनपीआर की प्रक्रिया 2010 के प्रारूप के आधार पर पूरी कराई जाएगी।
पवार सीएए का कर चुके हैं विरोध
गौरतलब है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पिछले महीने कहा था कि अन्य आठ राज्यों की तरह महाराष्ट्र को भी सीएए लागू करने से इन्कार कर देना चाहिए, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे देश का धार्मिक और सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।
कांग्रेस ने की थी खिलाफ प्रस्ताव लाने की मांग
कांग्रेस ने सीएए और एनपीआर के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उस नजरिए से अजीत पवार का यह बयान अहम है, क्योंकि शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। पिछले महीने राकांपा नेता व राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने भी कहा था कि राज्य में एनआरसी को नहीं लागू किया जाएगा।
उद्धव सीएए का कर चुके हैं समर्थन
पिछले महीने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि सीएए को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि एनपीआर से किसी को देश से बाहर नहीं निकाला जा रहा है। हालांकि, ठाकरे प्रस्तावित एनआरसी को नहीं लागू करने की बात भी कह चुके हैं।
महाराष्ट्र में मुस्लिमों को आरक्षण का प्रस्ताव नहीं: शिवसेना
शिवसेना ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में मुस्लिमों को आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। राज्य में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा मुस्लिमों को आरक्षण देने पर विचार करने संबंधी खबरों पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तरफ से चिंता जताए जाने के बाद शिवसेना का यह बयान आया है।
इससे पहले, 28 फरवरी को महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने एलान किया था कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम को आरक्षण के लिए कानून बनाया जाएगा। हाई कोर्ट ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देने की अनुमति दे दी है।