Rajasthan Politics: सीएम गहलोत के निशाने पर शेखावत, बोले- पीएम मोदी ऐसे मंत्री को रखते क्यों है जो अबसेंट माइंड है
Rajasthan Politics मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा शेखावत को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। मुझे लगता है वे बैठकों में अबसेंट माइंड (ध्यान नहीं देना) रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे मंत्री को रखते क्यों है जो अबसेंट माइंड है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी)को लेकर राजनीति तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को ईआरसीपी को लेकर 13 जिलों के विधायकों और जिला प्रमुखों के साथ मुख्यमंत्री आवास में बैठक की। बैठक में कांग्रेस के विधायक पहुंचे। इस दौरान गहलोत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को निकम्मा कहा है। गहलोत बोले, शेखावत को राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। मुझे लगता है वे बैठकों में अबसेंट माइंड (ध्यान नहीं देना) रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे मंत्री को रखते क्यों है जो अबसेंट माइंड है। ये लोग झूठे और अफवाह फैलाकर राज करते हैं। उन्होंने कहा कि अबसेंट माइंड रहना अच्छी बात नहीं है। इसका मतलब हम कभी कहेंगे कि प्रधानमंत्री ऐसे निकम्मे मंत्री क्यों रखते हैं जो उनकी बैठकों में अब्सेंट माइंड रहता है।
राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बोला और मंत्री ने सुना नहीं ,शेखावत खुद कह रहे हैं कि सुना नहीं ।गहलोत ने प्रतिनिधियों से कहा,आपने देखा होगा पिछे दिनों जयपुर में पांच राज्यों के जलदाय मंत्रियों की कांफ्रेंस चल रही थी। प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री ने अजमेर में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा अजमेर और जयपुर की सभाओं में किया था। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान यह वादा किया गया था,अब निभाओ।
इस पर शेखावत ने कह दिया,अगर पीएम ने ऐसा कहा होगा तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा। शेखावत ने जोशी से कहा,अगर पीएम ने ऐसा वादा नहीं किया तो सीएम और आपको राजनीतिक से सन्यास लेना होगा । अब वे सन्यास ले,कहां चले गए। हमने पीएम के भाषण की रिकार्डिंग बता दी। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना चाहिए।ग उन्होंने कहा कि ईआरसीपी से 13 जिलों की दो लाख हैक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। गहलोत ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जलशक्ति मंत्रालय ने राज्य सरकार को ईआरसीपी का काम रोकने के लिए कहा है। हमाारी सरकार ने इस काम पर 9,600 करोड़ का बजट राज्य कोष से जारी किया है। अब तक इस परियोजना में राज्य का पैसा नहीं लग रहा,पानी हमारे हिस्से का है तो केंद्र सरकार काम रोकने के लिए कैसे कह सकती है। प्रदेश के 13 जिलों की जनता देख रही है। उनके हक का पानी रोकने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार रोड़े अटका रही है। ईआरसीपी के मुददे पर छह जुलाई को जयपुर में बड़ा सम्मेलन होगा। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने जुलाई,2020 में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को नाकारा और निकम्मा कहा था। अब यही शब्द उन्होंने शेखावत के लिए कहे हैं। गहलोत ने ईआरसीपी को सियासी मुददा बनाने की रणनीति बनाई है। ईआरसीपी के मुददे को लेकर गहलोत
शेखावत ने दिया जवाब
शेखावत ने ट्वीट कर कहा,शायद जोधपुर की जनता का लोकसभा चुनाव में मुझे दिया गया आर्शीवाद गहलोत पचा नहीं पा रहे हैं। निकम्मा शब्द तो शायद उनका प्रिय है । मुझे पहले अपनी पार्टी के एक युवा नेता को कह चुके हैं। गहलोत की जुबां में मेरे लिए तो बुरा ही बुरा है। हर बार लगता है वे इससे बुरा नहीं कहेंगे,लेकिन अगली बार पहले से ज्यादा बुरा कह जाते हैं।विष विमन इसे ही कहते हैं।