टू नेशन थ्योरी की वकालत करने वाले पहले इंसान थे सावरकर: थरूर
कांग्रेस के शशि थरूर ने एक बार फिर सावरकर मामले को उठाया और कहा कि सावरकर ने ही सबसे पहले ‘टू नेशन थ्योरी’ की वकालत की थी।
नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस के शशि थरूर ने शनिवार को एक बार फिर सावरकर मामले को उठाया और कहा कि वीर दामोदर सावरकर ने ही सबसे पहले ‘टू नेशन थ्योरी’ की वकालत की थी। उन्होंने कहा, ‘दो देशों के सिद्धांत की वकालत करने वाले पहले इंसान वीडी सावरकर थे। लाहौर में पाकिस्तान रिज्योलूशन पारित होने से तीन साल पहले ही हिंदू महासभा के प्रमुख सावरकर ने भारत में हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए दो अलग देशों की बात कही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि बंटवारे के समय के दौरान सबसे बड़ा सवाल था कि क्या धर्म किसी देश की पहचान होनी चाहिए। जयपुर साहित्य सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘सावरकर ने कहा था हिंदू वही है जिसकी पितृभूमि व पुण्यभूमि भारत है यानि जिसके पूर्वज भारत के रहे हों तो इस परिभाषा से यह स्पष्ट है कि हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन ने इन दोनों शर्तों को पूरा करते हैं लेकिन मुस्लिम और ईसाई नहीं।’ उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु समेत कई अन्य के नेतृत्व में भारत के अधिकतर लोगों का कहना है कि धर्म से किसी की पहचान या राष्ट्रीयता तय नहीं की जा सकती। हमने सभी की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और सभी के लिए देश का निर्माण किया है।
अपनी पुस्तक का हवाला देते हुए थरूर ने कहा, ‘मैंने अपनी पुस्तक ‘व्हाई एम आई ए हिंदू’ में सावरकर, एम एस गोलवलकर और दीन दयाल उपाध्याय का हवाला दिया है। ये ऐसे लोग थे जो मानते थे कि धर्म से ही राष्ट्रीयता तय होनी चाहिए।’ सम्मेलन के दूसरे दिन शशि थरूर ने दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर द्वारा हिंदुत्व मूवमेंट की शुरुआत हुई थी। उन्होंने संविधान को भी गलत बताया था। उन्होंने कहा, ‘सावरकर, माधव सदाशिव गोलवल्कर और दीन दयाल उपाध्याय ने संविधान को खारिज कर दिया और मुस्लिमों की बात पर सहमति जताई की धर्म से राष्ट्रीयता की पहचान होती है।
सावरकर पर शिवसेना-कांग्रेस में महाभारत, भाजपा ने कहा- सावरकर के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे