मुस्लिम महिलाओं के लिए घातक होगी देश की शरिया अदालतें
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश में एक समानांतर न्याय व्यवस्था खड़ा करना चाहती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने सभी जिलों में शरिया अदालतें गठित करने के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले को गैर-कानूनी बताया है। साथ ही कहा कि यह निर्णय मुस्लिम महिलाओं के साथ देश के लिए भी घातक है। इससे न्यायपालिका के प्रति असम्मान का भाव पैदा होगा। ऐसे बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए।
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन गुरूवार को नई दिल्ली में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जिस बोर्ड का कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं है, वह देश में अदालतें गठित करने की बात कर रहा है। निश्चित ही इन अदालतों के जरिए मौलवी तीन तलाक को अवैध घोषित करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को कमजोर करेंगे। ऐसे में मुस्लिम समाज को पिछड़ा बनाए रखने वाले इस बोर्ड को भंग कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड देश में एक समानांतर न्याय व्यवस्था खड़ा करना चाहती है। उसका यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट में लंबित हलाला, बहुविवाह जैसे मामलों को भी कमजोर करने का षड़यंत्र है।
उन्होंने शरिया अदालतें गठित करने का निर्णय लेने वाले बोर्ड से पूछा कि क्या वह नाइजीरिया और सूडान देशों जैसी स्थित भारत में भी बनाना चाहते है, जहां शारिया अदालतों के फैसले को थोपने के चलते हिंसक परिस्थितियां पैदा हुई है? जागरूक मुस्लिम समाज को बोर्ड के खिलाफ जनजागरण अभियान शुरु करके उसको भंग करना चाहिए।