शाह ने कहा- मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए वचनबद्ध, हाइवे पर लगेंगे कैंप
अमित शाह ने अधिकारियों को मजदूरों की सहायता के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हजारों मील का सफर कर घर जाने के लिए महानगरों से निकल पड़े प्रवासी मजदूरों के लिए हाइवे के किनारे ही कैंप लगेगा और वहीं उनके रहने, खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया जाएगा। गृहमंत्रालय ने इसके लिए राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है।
अमित शाह ने कहा- मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए वचनबद्ध
लॉकडाउन के बाद देश के हालात की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया कि सरकार लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की हर तरीके से सहायता के लिए वचनबद्ध है। इसके पहले भी गृहमंत्रालय राज्यों को प्रवासी मजदूरों के ठहरने, खाने-पीने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के लिए एडवाइजरी किया था।
लॉकडाउन की समीक्षा बैठक, वापस लौट रहे मजदूरों के लिए हाईवे के किनारे कैंप बनाने के आदेश
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन की समीक्षा बैठक के दौरान पूरे देश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के घर ओर पैदल जाने का मामला सामने आया। इसके बाद अमित शाह ने अधिकारियों को मजदूरों की सहायता के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। बैठक के बाद राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने वापस लौट रहे मजदूरों के लिए हाईवे के किनारे ही कैंप बनाने और उसमें खाने-पीने समेत तमाम सुविधाओं का इंतजाम करने को कहा। वहीं जो मजदूर अभी तक शहर से बाहर नहीं निकले हैं, उनके लिए भी समुचित प्रबंध करने को कहा गया है।
मजदूरों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाने को कहा
प्रवासी मजदूरों तक सरकार की ओर से उनकी सहायता के लिए उठाए कदमों की जानकारी नहीं पहुंचने और उनके बीच फैल रहे अफवाहों को दूर करने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को व्यापक प्रचार अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके लिए लाउडस्पीकर व अन्य माध्यमों के साथ-साथ एनजीओ और अन्य एजेंसियों की मदद ली जा सकती है। गृह सचिव ने साफ कर दिया कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और उनके लिए सारे इंतजाम किये जाने चाहिए।
राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के लिए पीएम गरीब कल्याण योजना का करें इस्तेमाल
फंड की कमी के कारण कुछ राज्यों की ओर से प्रवासी मजदूरों पर ध्यान नहीं देने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का इस्तेमाल करने को कहा है। इस योजना में खासतौर लॉकडाउन के दौरान तीन महीने तक हर महीने प्रत्येक व्यक्ति को पांच किलो चावल या गेंहू और एक परिवार को एक किलो दाल उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों पर आने वाले खर्च के लिए आपदा प्रबंधन फंड से धन निकालने की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि आपदा प्रबंधन फंड के तहत राज्य सरकारों के पास 29 हजार करोड़ रुपये पहले से मौजूद हैं।