Move to Jagran APP

गृहमंत्रालय तक सीमित नहीं रहेगी शाह की भूमिका, सरकार में कायम रहेगा दबदबा

संकेत साफ है कि सरकार में शाह की स्थिति सिर्फ गृहमंत्री के रूप में नहीं होगी बल्कि अन्य मंत्रालयों के कामकाज पर भी उनकी बराबर नजर होगी और सभी अहम फैसलों में उनकी राय अहम होगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 07:23 AM (IST)
गृहमंत्रालय तक सीमित नहीं रहेगी शाह की भूमिका, सरकार में कायम रहेगा दबदबा
गृहमंत्रालय तक सीमित नहीं रहेगी शाह की भूमिका, सरकार में कायम रहेगा दबदबा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर अमित शाह ने साफ कर दिया कि पार्टी में अध्यक्ष की तरह उनका दबदबा अब सरकार में भी कायम रहेगा। संकेत साफ है कि सरकार में शाह की स्थिति सिर्फ गृहमंत्री के रूप में नहीं होगी, बल्कि अन्य मंत्रालयों के कामकाज पर भी उनकी बराबर नजर होगी और सभी अहम फैसलों में उनकी राय अहम होगी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के ज्यादा बड़े नीतिगत मामलों पर अपना ध्यान केंद्रीत करेंगे।

loksabha election banner

गृहमंत्रालय में तीसरे दिन अमित शाह ने एक साथ विदेशमंत्री एस जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन, पेट्रोलियम व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान, रेल व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ-साथ नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत की बैठक बुलाई। बैठक गृहमंत्रालय के भीतर गृहमंत्री के दफ्तर के सटे कांफ्रेंस रूम में हुई। इसके साथ ही बैठक में पेट्रोलियम से जुड़े सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रमों के सीएमडी को भी बुलाया गया था। बताया जाता है कि लगभग दो घंटे तक चली बैठक में देश की ऊर्जा सुरक्षा से लेकर कई नीतिगत मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

वैसे तो अमित शाह के साथ मंत्रियों की हुई बैठक के एजेंडे और इसके फैसले के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया गया, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बारे में इसके दूरगामी संकेत हैं। पार्टी से सरकार में आने के बाद अमित शाह किसी मंत्रालय तक सीमित नहीं रहेंेगे, पर सरकार के पूरे कामकाज में उनकी दखल होगी। इसके साथ ही वे विभिन्न मंत्रालयों से जुडे़ जटिल मुद्दों को सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे।

ध्यान देने की बात है कि भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने पूरी पार्टी का कायाकल्प कर दिया और एक-के-बाद-एक कई राज्यों में जीत के साथ उसका परचम लहराने लगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शाह की क्षमता को देखते हुए ही 2014 में उत्तरप्रदेश की कमान सौंपी थी।

2014 और 2019 के चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा के अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में भी अमित शाह की रणनीति की अहम भूमिका थी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सार्वजनिक रूप से कई बार इसके लिए शाह की सराहना कर चुके हैं। इस बार प्रधानमंत्री ने सरकार में शाह पर भरोसा जताया है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.