केंद्र सरकार के सात मंत्रालयों ने अनुसूचित जाति और जनजातियों की सहायता के लिए नहीं दिया पैसा
नीति आयोग ने 2017 में 41 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए चलने वाली योजनाओं के लिए धनराशि देने के नए दिशा-निर्देश बनाए थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सात केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने 2019-20 के लिए अपने बजट में अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय की कल्याण योजनाओं के लिए धन का निर्धारण नहीं किया है। जिन 12 विभागों और मंत्रालयों ने धन का निर्धारण किया है, वह नीति आयोग द्वारा निर्धारित स्तर से कम है। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।
नीति आयोग ने 2017 में 41 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के लिए अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए चलने वाली योजनाओं के लिए धनराशि देने के नए दिशा-निर्देश बनाए थे। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि जनवरी 2019 में दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया गया था, इसलिए इस वित्तीय वर्ष में इसका पूर्ण पालन सुनिश्चित नहीं किया जा सकता।
अधिकारी ने कहा, 'चूंकि मंत्रालयों ने नवंबर-दिसंबर तक विभिन्न योजनाओं के लिए अपने आवंटन का फैसला किया है जबकि दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप जनवरी में दिया गया था, इसलिए किसी भी तरह की सुधारात्मक कार्रवाई अगले साल ही संभव है।
नीति आयोग द्वारा तय नई गाइडलाइन के मुताबिक 41 मंत्रालयों और विभागों को अनुसूचित जनजातियों से जुड़ी विकास योजनाओं के लिए 4.3 फीसद जबकि अनुसूचित जाति से जुड़ी विकास योजनाओं के लिए 8.3 प्रतिशत धनराशि निर्धारित करनी होगी।
अधिकारी ने बताया कि जनवरी में आर्थिक मामलों के विभाग ने जनजातीय मंत्रालय और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को पत्र लिखा था और कहा था कि सात मंत्रालय और विभागों ने अनुसूचित जाति और जनजातियों के विकास कार्य योजना के लिए धन का आवंटन नहीं किया और जिन 12 विभागों ने आवंटन किया है वह नीति आयोग की गाइडलाइन से बहुत कम है।
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